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छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में कांग्रेस के 85वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन सोनिया गांधी ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस बीच उन्होंने सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने का संकेत दे दिया। यह संकेत उन्होंने पार्टी अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल का जिक्र करते हुए दिया और इसकी खूब चर्चा भी हुई। मगर अब सोनिया गांधी ने राजनीति से संन्यास को लेकर बड़ा बयान दिया है।

सोनिया गांधी ने राजनीति से संन्यास लेने की खबरों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा, "मैं कभी सेवानिवृत्त नहीं हुई और न ही कभी सेवानिवृत्त हूंगी।" यह जानकारी कांग्रेस नेता अलका लांबा ने दी है। अलका लांबा ने कहा है कि इस मसले पर उनकी सोनिया गांधी से चर्चा हुई थी। अलका ने कहा, 'जब मैंने मीडिया में रिटायरमेंट की खबरों के बारे में मैडम को बताया तो वह हंस पड़ीं और बोलीं, मैं कभी रिटायर नहीं हुई हूं और आगे भी कभी नहीं करूंगी।'

उन्होंने आगे कहा कि "1998 में कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण करना मेरे लिए एक सम्मान की बात थी। 25 वर्षों में, पार्टी को कई बड़ी सफलताएँ और निराशाएँ मिलीं। 2004 और 2009 में हमारी जीत के साथ, मनमोहन सिंह के सक्षम नेतृत्व ने मुझे व्यक्तिगत संतुष्टि दी, लेकिन मैं सबसे ज्यादा खुश हूं।"

उन्होंने 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए राहुल गांधी को धन्यवाद दिया। सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस सिर्फ एक राजनीतिक दल नहीं बल्कि देश की एकता की धुरी है। 'हम देश के मुद्दों के लिए लड़ते हैं। अब समय आ गया है कि हम जनता की आवाज बनें। धर्म, जाति, भाषा से परे हम सबकी आवाज बनें। वही हमारी जीत सुनिश्चित करेगा। राहुल की लगन और निष्ठा ने भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाया। इसकी सफलता का श्रेय यात्रा में शामिल सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी जाता है।

सोनिया गांधी ने भी अपने भाषण में भाजपा पर निशाना साधा। दलितों, अल्पसंख्यकों, आदिवासियों और महिलाओं का दमन हो रहा है। हर संस्था का शोषण हो रहा है। संविधान के मूल्यों पर आघात हुआ है। सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि आगे और भी कठिन वक्त आने वाला है।

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