Fake Currency Notes: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों को पहली बार नक्सलियों के नकली नोटों का एक बड़ा जखीरा मिला है, साथ ही उन्हें बनाने में इस्तेमाल होने वाले डिवाइस भी मिले हैं। पुलिस के अनुसार, नक्सली लंबे समय से बस्तर क्षेत्र के अंदरूनी इलाकों में साप्ताहिक बाजारों में नकली नोटों का इस्तेमाल कर रहे हैं और भोले-भाले आदिवासियों को ठग रहे हैं। सुकमा के एसपी किरण जी चव्हाण ने आरोप लगाया कि नक्सली इस कदम से भारतीय अर्थव्यवस्था को भी बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं।
यह बरामदगी शनिवार शाम को जिले के कोराजगुड़ा गांव के पास एक जंगली पहाड़ी पर की गई, जब अलग अलग बलों के सुरक्षाकर्मियों की एक संयुक्त टीम तलाशी अभियान पर थी। नकली नोटों का जखीरा कितना है इसका पता अभी नहीं चल पाया है।
पीटीआई से बात करते हुए एक अफसर ने कहा, "पहली बार राज्य में नक्सलियों के नकली नोट बरामद किए गए हैं, जो तीन दशकों से अधिक समय से इस समस्या से जूझ रहा है।" उन्होंने इस जब्ती को नक्सल विरोधी अभियान में एक महत्वपूर्ण सफलता बताया।
उन्होंने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 50वीं बटालियन, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स और जिला बल के जवान इस अभियान में शामिल थे। यह अभियान इस सूचना के आधार पर शुरू किया गया था कि नक्सलियों की कोंटा एरिया कमेटी सुकमा के मैलासुर, कोराजगुड़ा और दंतेशपुरम इलाकों में नकली नोट छाप रही है।
सुरक्षा अफसरों ने 50, 100, 200 और 500 रुपये मूल्य के नकली नोटों का एक जखीरा, एक रंगीन प्रिंटिंग मशीन, एक ब्लैक एंड व्हाइट प्रिंटर, एक इन्वर्टर मशीन, 200 बोतल स्याही, चार प्रिंटर कार्ट्रिज, नौ प्रिंटर जब्त किए।
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