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धन, राजनीतिक रसूख और शातिर दिमाग—जब ये तीनों चीजें एक इंसान में मिलती हैं, तो वह या तो दुनिया बदलता है या उसे अपने अंधेरे में घसीट लेता है। जेफ्री एपस्टीन, अमेरिका का विवादित अरबपति, इसी अंधेरे का पर्याय बन गया था। वह सिर्फ एक रईस बिजनेसमैन नहीं था, बल्कि एक ऐसा नाम था जो सेक्स ट्रैफिकिंग, नाबालिगों के यौन शोषण और सत्ता के गलियारों में फैले भ्रष्ट तंत्र की सच्चाई को उजागर करता है।

एपस्टीन की ‘हाई प्रोफाइल’ जिंदगी के पीछे था एक गुप्त ‘डर्टी नेटवर्क’, जिसमें उसके निजी जेट “लोलीटा एक्सप्रेस” पर आयोजित होने वाली अश्लील पार्टियां, महंगी याच पर सेक्स रैकेट और एक निजी द्वीप पर नाबालिग लड़कियों के शोषण की कहानियां शामिल थीं। इन आरोपों में कई बड़े नाम सामने आए, जिनमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ब्रिटिश राजपरिवार के सदस्य प्रिंस एंड्रयू, और कई मशहूर हस्तियां भी शामिल थीं।

एफबीआई की जांच और गवाहों की गवाही से पता चला कि एपस्टीन ने बड़ी संख्या में कम उम्र की लड़कियों को लालच देकर अपने नेटवर्क में फंसाया, और उनका इस्तेमाल सेक्स रैकेट में किया। यह घोटाला केवल अमेरिका तक सीमित नहीं था, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी फैला हुआ था।

2019 में गिरफ्तारी के बाद जेल में उसकी संदिग्ध मौत ने और भी सवाल खड़े किए—क्या उसे चुप कराने के लिए मारा गया? क्या सत्ता और पावर के गठजोड़ ने एक गवाह को खत्म कर दिया?

हालांकि एपस्टीन अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसका केस आज भी पूरी दुनिया को यह सोचने पर मजबूर करता है कि जब पैसा और पावर एक साथ मिल जाए, तो इंसानियत किस हद तक गिर सकती है।

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