_608645923.png)
Up Kiran, Digital Desk: राजापुर थाना क्षेत्र से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को तार-तार कर दिया है और लालच की हदें कितनी शर्मनाक हो सकती हैं, इसका सबूत पेश किया है। बीमा राशि के लालच में एक पति-पत्नी ने एक बेबस शख्स को अपनी मंशा का शिकार बना दिया, और जिस व्यक्ति को मौत बताया गया, वह जिंदा निकला। वहीं, असली मौत किसी और ने सहनी पड़ी। इस धोखे की कहानी सुनकर पुलिस भी दंग रह गई।
सिकरी अमान गांव के पास 30 जून को एक जली हुई ऑल्टो कार मिली थी, जिसमें से अधजला हुआ एक शव बरामद हुआ था। प्रारंभिक जांच के बाद मृतक के तौर पर रीवा निवासी सुनील सिंह की पत्नी, हेमा सिंह ने पहचान कर उसका अंतिम संस्कार किया। लेकिन जांच के दौरान यह हैरान कर देने वाला तथ्य सामने आया कि सुनील सिंह जीवित हैं और जिस शव का अंतिम संस्कार किया गया वह किसी और का था।
वास्तव में, उस शव की असली पहचान नेहरू नगर, रीवा के विनय चौहान के रूप में हुई, जिसे सुनियोजित तरीके से सुनील सिंह ने आग के हवाले कर दिया था। यह जघन्य अपराध बीमा राशि के लिए रचा गया था, जिसकी रकम 2 करोड़ रुपये थी।
पुलिस के मुताबिक, सुनील सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर 55 लाख रुपये का लोन लिया था, जिसका इस्तेमाल ब्यूटी पार्लर खोलने के लिए करना था, साथ ही उसने दो करोड़ का बीमा क्लेम भी करवाया था। लोन की किश्तों में चूक होने पर उसने एक साउथ इंडियन फिल्म देखकर अपने जीवित होने का छलावा देने की साजिश रची। इसके लिए उसने अपने समान कद-काठी वाले व्यक्ति की खोज शुरू की।
28 जून को रीवा के एक शराब की दुकान पर उसे विनय चौहान मिला। 30 जून को सुनील ने विनय को अपनी कार में बुलाकर शराब पिलाई और फिर उसे कार में बंद करके गैस सिलेंडर के स्विच को चालू किया। कपूर और बॉडी स्प्रे की मदद से आग लगाकर उसने विनय को जिंदा जलाने की कोशिश की। हादसे के बाद कार में विस्फोट हुआ और विनय गंभीर रूप से झुलस गया।
इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने आरोपी सुनील सिंह और उसकी पत्नी हेमा सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अब इस गंभीर अपराध की गहन जांच कर रही है। वहीं, यह घटना लालच की हदों और इंसानी क्रूरता की एक दर्दनाक मिसाल बन गई है, जो समाज को सोचने पर मजबूर कर देती है कि इंसानियत कब तक इस तरह गिर सकती है।
--Advertisement--