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Up Kiran, Digital Desk: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के बगड़ थाना क्षेत्र में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। पीरामल गर्ल्स स्कूल के हॉस्टल में 9वीं की छात्रा जीविका शर्मा (14) अपने कमरे में फंदे से लटकी मिली। यह खबर सुनते ही पूरे इलाके में सनसनी फैल गई और सवाल उठने लगे कि क्या यह आत्महत्या थी या इसके पीछे कुछ और ही वजह छिपी है?

मृतका के पिता ने लगाया गंभीर आरोप

जीविका के पिता दुर्गेश कुमार, जो कि गुरुग्राम के रहने वाले हैं, ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में स्कूल के वार्डन और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये हैं। दुर्गेश का कहना है कि उनकी बेटी मानसिक रूप से मजबूत थी और आत्महत्या जैसा कदम कभी नहीं उठाती। उन्होंने कहा कि वार्डन पूनम लगातार जीविका को परेशान करती थी। यहां तक कि उस पर चोरी का झूठा आरोप लगाया जाता था और मानसिक दबाव भी बनता था।

हॉस्टल में चल रही कथित गलत गतिविधियां

दुर्गेश ने यह भी बताया कि जब जून में छुट्टियां लगी थीं, तब जीविका घर लौट कर बताया था कि हॉस्टल में कुछ गलत गतिविधियां हो रही हैं। खासकर वार्डन लड़कियों को बाहरी लड़कों से मिलवाती थी। यह बातें जीविका ने अंतिम बार 29 अगस्त को भी अपने पिता से कही थीं। यह सब बातें पिता को शक दिलाती हैं कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि किसी की साजिश हो सकती है।

स्कूल प्रिंसिपल का पूरी तरह खंडन

वहीं, स्कूल की प्रिंसिपल कविता अग्रवाल ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि जीविका सातवीं से इसी स्कूल में पढ़ रही थी और कभी किसी प्रकार की परेशानी नहीं आई। प्रिंसिपल ने बताया कि हॉस्टल में बच्चों की जरूरतों के लिए माता-पिता से अनुमति ली जाती थी। वे मान भी जाते थे या मना भी करते थे। प्रिंसिपल का मानना है कि अगर कोई परेशानी थी तो वह घर से जुड़ी हो सकती है।

घटना का भयावह सच और पुलिस जांच

31 अगस्त दोपहर को जीविका ने वार्डन से 100 रुपए मांगे थे। वार्डन ने कहा था कि पेरेंट्स से अनुमति लेनी होगी। करीब आधे घंटे बाद ही छात्रा अपने कमरे में फंदे से लटकी मिली। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बगड़ थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।