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Up Kiran, Digital Desk: इमली का नाम सुनते ही मुंह में पानी आ जाता है। चाहे सांभर हो दाल हो या चटनी सब्जी में इसका खट्टा जायका भोजन को मजेदार बनाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेद में इसे सिर्फ स्वाद देने वाली चीज नहीं बल्कि एक असरदार प्राकृतिक दवा के रूप में देखा जाता है। आयुर्वेद की विशेषज्ञ डॉक्टर दीक्षा भावसार सवालीया बताती हैं कि अगर सही मात्रा में और सही ढंग से इमली का इस्तेमाल किया जाए तो यह पाचन को मजबूत बनाती है और शरीर से अनावश्यक तत्वों को निकालने में मदद करती है। इसके खट्टे और हल्के शीतल गुण गैस कब्ज या पेट में सूजन जैसी दिक्कतों से छुटकारा दिलाने में उपयोगी साबित होते हैं। आइए जानते हैं इसके और भी फायदों के बारे में जो आपको हैरान कर सकते हैं।

पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में इमली की भूमिका

इमली पाचन की आग को तेज करती है। इससे भोजन आसानी से हजम होता है और कब्ज जैसी समस्या दूर रहती है। अगर खाने के बाद पेट भारी महसूस हो रहा हो तो थोड़ी इमली चूसना फायदेमंद साबित हो सकता है। यह न सिर्फ पेट को हल्का रखती है बल्कि रोजमर्रा की थकान को भी कम करती है।

शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में सहायक

आयुर्वेद में शरीर में जमा होने वाले हानिकारक तत्वों को आम कहा जाता है। इमली इस आम को बाहर करने में बड़ी भूमिका निभाती है और लीवर को साफ रखने में भी मददगार होती है। नतीजा यह होता है कि शरीर हल्का और ऊर्जावान लगने लगता है। अगर आप रोजाना की दिनचर्या में थकान महसूस करते हैं तो इमली को आजमाकर देखिए।

गैस और एसिडिटी से राहत दिलाती है

इमली खट्टी है लेकिन अगर इसे सीमित मात्रा में लिया जाए तो यह गैस पेट फूलने या एसिडिटी को कम कर सकती है। इसके शीतल और पाचन बढ़ाने वाले गुण पेट को शांत रखते हैं। कई लोग सोचते हैं कि खट्टा होने से यह नुकसान करेगी लेकिन सच्चाई इसके उलट है।

पित्त और कफ दोष को संतुलित रखने का राज

डॉक्टर दीक्षा के मुताबिक अगर इमली को सही मात्रा में लिया जाए तो यह पित्त और कफ जैसे दोषों को बैलेंस में रखती है। यही कारण है कि भारतीय व्यंजनों जैसे सांभर दाल या चटनी में इसे मिलाया जाता है। यह न सिर्फ स्वाद बढ़ाती है बल्कि सेहत का भी ख्याल रखती है।

त्वचा और मेटाबॉलिज्म के लिए फायदेमंद

इमली में एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है जो त्वचा को स्वस्थ रखते हैं और शरीर के मेटाबॉलिज्म को मजबूत बनाते हैं। इससे पोषण तत्व बेहतर तरीके से अवशोषित होते हैं। अगर आप अपनी त्वचा की चमक बढ़ाना चाहते हैं तो इमली को अपनी डाइट में शामिल करें।

किन लोगों को इमली का सेवन करना चाहिए

अगर आपका पाचन धीमा रहता है या कब्ज ब्लोटिंग एसिडिटी जैसी समस्याएं सताती हैं तो इमली आपके लिए उपयोगी हो सकती है। जो लोग हल्का डिटॉक्स चाहते हैं या पित्त से जुड़ी त्वचा की दिक्कतों से जूझ रहे हैं वे भी कम मात्रा में इसे आजमा सकते हैं। लेकिन याद रखें हर चीज की ज्यादा मात्रा नुकसानदेह हो सकती है।

इमली से किन्हें दूर रहना चाहिए

वात प्रकृति के लोग जिन्हें गैस या जोड़ों में दर्द रहता है उन्हें इमली से बचना चाहिए। गंभीर एसिडिटी अल्सर या दस्त के मरीजों को भी इससे परहेज करना बेहतर है। गर्भवती महिलाएं ज्यादा मात्रा में इसका सेवन न करें और जिनके दांत संवेदनशील हैं वे सीमित मात्रा में ही लें।

इमली जैसी साधारण चीज में इतने फायदे छिपे हैं यह जानकर हैरानी होती है। लेकिन आयुर्वेद हमें बताता है कि प्रकृति में ही सेहत के राज छिपे हैं। अगर आप भी इन फायदों का लाभ उठाना चाहते हैं तो डॉक्टर की सलाह से शुरू करें। क्या आपने कभी इमली को इस नजरिए से देखा है? अपनी राय हमें बताएं।