
Up Kiran, Digital Desk: केंद्र सरकार ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए अपनी भविष्य की योजनाओं का खुलासा किया है, जिसमें पवन ऊर्जा को केंद्रीय भूमिका दी गई है। बेंगलुरु में आयोजित 'विंडर्जी इंडिया 2024' शिखर सम्मेलन में, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) के सचिव, भूपिंदर सिंह भल्ला ने स्पष्ट किया कि पवन ऊर्जा भारत की नवीकरणीय ऊर्जा रणनीति का "मुख्य आधार" होगी।
भूपिंदर सिंह भल्ला ने बताया कि भारत वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा और पवन ऊर्जा क्षमता, दोनों में दुनिया में चौथे स्थान पर है। देश की मौजूदा पवन ऊर्जा क्षमता 46 गीगावाट (GW) है, जिसे 2030 तक 100 गीगावाट तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकार ने एक व्यापक रणनीति बनाई है। इसकी कुछ प्रमुख बातें इस प्रकार हैं:
भल्ला ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि सरकार भारत को नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बनाने और देश के लिए एक स्थायी और हरित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
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