रामपुर। उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक युवक की मौत के बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गयी है। सरकारी जमीन से आंबेडकर का बोर्ड हटावाने को लेकर दो पक्षों में जमकर बबाल हुआ। इस दौरान एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। युवक की मौत से आक्रोशित लोगों ने पुलिस पर पथराव किया है। लोगों का आरोप है कि युवक की मौत पुलिस की गोली लगने से हुई है। भारी जनदबाव में आरोपी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। क्षेत्र में तनाव के चलते रामपुर जा रहे भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद को नजरंबद कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक रामपुर के मंगलवार की शाम को सरकारी जमीन पर आंबेडकर पार्क का बोर्ड लगाए जाने को लेकर दो पक्ष आमने-सामने आ गए थे। मामले की जानकारी होने पर मौके पर पहुंचे एसडीएम और तहसीलदार ने बोर्ड हटवाने के लिए कहा। इसी दौरान एक पक्ष ने उनकी गाड़ियों पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच जमकर पथराव और फायरिंग हुई। इस संघर्ष में गोली लगने से 17 वर्षीय सुमेश की मौत हो गई। सुमेश की मौत के बाद पुरे इलाके में तनाव फ़ैल गया।
रामपुर के सिलईबड़ा गांव में छात्र सुमेश की फायरिंग में मौत होने के बाद तनाव चरम पर पहुँच गया है। बुधवार को प्रशासन ने गांव में भारी तादाद में पुलिस फ़ोर्स तैनात कर दिया है। सुबह से ही डीएम और एसपी मौके पर डटे हुए हैं। तहसीलदार और एसडीएम के खिलाफ केस दर्ज करने को लेकर प्रशासन और लोगों के बीच जारी बहस के बीच पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया। उधर पीड़ितों से मिलने रामपुर जा रहे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को पुलिस ने संभल में नजरबंद कर दिया है। उधर मंडलायुक्त के निर्देश पर एसडीएम को निलंबित कर दिया गया है।
इसके साथ ही मृतक के पिता गेंदनलाल की शिकायत पर धारा 302,323,149,148,147 एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की धारा 3(2)V के तहत चार पुलिस कर्मी, दो होमगार्ड समेत 25 नामजद लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया है। नाराज ग्रामीण एसडीएम और तहसीलदार के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। फायरिंग व पथराव में घायल हुए अमित और रमन का इलाज चल रहा है।
इससे पहले बुधवार सुबह ही संभल में नजरबंद भीम आर्मी प्रमुख चंद्र शेखर आज़द ने कहा कि रामपुर में कुछ गज जमीन के लिए यूपी सरकार की पुलिस ने एक युवक को मार दिया है। मीडिया से मुखातिब आजाद ने कहा कि मैं किसी भी कीमत पर रामपुर में युवक के परिजनों से मिलने जाऊंगा। जिस तरह से सरेआम गोलियां चल रही हैं कानून व्यवस्था के नाम पर अब कुछ नहीं बचा है। उत्तर प्रदेश में दलितों का दमन चरम पर है।
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