
भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल आतंकवादी तहव्वुर राणा को आखिरकार अमेरिका से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस समय उससे गहन पूछताछ कर रही है। शुरुआती पूछताछ में तहव्वुर राणा ने कई अहम बातें बताई हैं, जिनमें से कुछ की पुष्टि भी हो चुकी है। ये खुलासे उसकी पृष्ठभूमि, विचारधारा और नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं।
पाकिस्तान में जन्म, भारतीय सेना के खिलाफ नफरत
एनआईए के मुताबिक, तहव्वुर राणा का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिंचबुतुनी नामक स्थान पर हुआ था। वह शुरू से ही पाकिस्तानी सेना और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ा रहा है। पूछताछ में सामने आया है कि वह अक्सर पाकिस्तानी सेना की वर्दी या अन्य छद्म पोशाकों में देखा जाता था, खासकर जब वह साजिद मीर, मेजर इकबाल और लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े अन्य कट्टरपंथियों से मिलता था। सेना से सेवा मुक्त होने के बाद भी वह आईएसआई और आतंकी संगठनों से जुड़ा रहा और लश्कर के कैंपों तथा हुजी इलाकों में सक्रिय रहा।
परिवार में पढ़ाई और पेशेवरिता, लेकिन खुद ने चुना आतंक का रास्ता
राणा के पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो वह एक शिक्षित परिवार से आता है। उसके पिता राणा वली मोहम्मद एक स्कूल के प्रिंसिपल रहे हैं। राणा के दो भाई हैं—एक पाकिस्तानी सेना में मनोचिकित्सक के रूप में कार्यरत है और दूसरा एक पेशेवर पत्रकार है। यानी परिवार में शिक्षा और पेशेवर क्षेत्र में मौजूदगी होने के बावजूद तहव्वुर राणा ने आतंकवाद का रास्ता चुना।
हेडली से हुई थी पहली मुलाकात हसन अब्दाल में
तहव्वुर राणा ने पाकिस्तान के हसन अब्दाल स्थित कैडेट कॉलेज में पढ़ाई की थी। इसी संस्थान में उसकी मुलाकात डेविड कोलमैन हेडली से हुई थी, जो बाद में मुंबई हमलों का एक बड़ा चेहरा बनकर उभरा। ये कैडेट कॉलेज पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल अयूब खान द्वारा स्थापित किया गया था और पाकिस्तानी सेना के कई अधिकारियों की शिक्षा का केंद्र रहा है।
पत्नी डॉक्टर, कनाडा में की थी नई शुरुआत
राणा की पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं। साल 1997 में वह अपनी पत्नी के साथ कनाडा चला गया था। वहां जाकर उसने एक इमिग्रेशन सर्विस और हलाल स्लॉटर हाउस की स्थापना की थी। यह दिखाता है कि उसने अपने आतंकी नेटवर्क को गुप्त रूप से चलाने के लिए वैध व्यापारिक ढांचे का इस्तेमाल किया।
18 दिन की हिरासत, सामने आएगा मिस्ट्री गवाह
फिलहाल तहव्वुर राणा को 18 दिनों की न्यायिक हिरासत में लिया गया है। एनआईए की पूछताछ में उससे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई, लश्कर के अन्य सहयोगी और भारत के अन्य शहरों में की गई साजिशों के बारे में पूछताछ हो रही है। इसके अलावा एक मिस्ट्री गवाह से उसका आमना-सामना करवाने की योजना है। माना जा रहा है कि यही गवाह 2006 में डेविड हेडली का मुंबई में स्वागत करने वाला था और राणा से भी उसकी खास जान-पहचान थी।
एनआईए के अधिकारी इस मिस्ट्री गवाह की मदद से राणा के नेटवर्क और मंशा को बेहतर ढंग से समझने की कोशिश कर रहे हैं। आने वाले दिनों में राणा से जुड़े और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है, जो देश की सुरक्षा व्यवस्था और खुफिया एजेंसियों के लिए अहम हो सकते हैं।