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Up Kiran, Digital Desk: दशकों पहले, पाकिस्तान ने भारत को कमजोर करने के लिए एक कपटी और कायरतापूर्ण रणनीति बनाई थी, जिसे 'हजार घाव देकर मौत' (Death by a Thousand Cuts) की नीति कहा जाता है। इसका मकसद था- भारत के साथ सीधे युद्ध से बचना, लेकिन आतंकवाद, अलगाववाद और प्रॉक्सी वॉर (छद्म युद्ध) के जरिए भारत को इतने छोटे-छोटे घाव देते रहना कि वह अंदर से ही खोखला हो जाए और खून बह-बहकर कमजोर पड़ जाए।

लेकिन इतिहास का पहिया ऐसा घूमा कि यह रणनीति पाकिस्तान के लिए ही एक आत्मघाती कदम बन गई। भारत को हजार घाव देने का सपना देखने वाला पाकिस्तान, आज खुद अपने ही बुने जाल में फंसकर हर मोर्चे पर लहूलुहान है।

कैसे उल्टा पड़ा पाकिस्तान का अपना ही दांव?

पाकिस्तान की यह पूरी साजिश आज उसी पर भारी पड़ रही है। जिस आग को उसने भारत को जलाने के लिए भड़काया था, आज उसी आग में उसका अपना घर जल रहा है।

आर्थिक कंगाली: आतंकवाद को पालने-पोसने में पाकिस्तान ने अपना खजाना खाली कर दिया। आज उसकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह तबाह हो चुकी है। वह दुनिया भर में कटोरा लेकर घूम रहा है और IMF जैसी संस्थाओं से कर्ज मांगकर अपना देश चला रहा है।

दुनिया में बेइज्जती: आतंकवाद की फैक्ट्री चलाने का नतीजा यह हुआ कि पाकिस्तान दुनिया भर में बदनाम हो गया। FATF जैसी संस्थाओं ने उसे 'ग्रे लिस्ट' में डाल दिया, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय साख मिट्टी में मिल गई। आज उसे एक भरोसेमंद देश नहीं, बल्कि आतंकवाद का पोषक माना जाता है।

अपने ही घर में आग: जिन जहरीले सांपों (आतंकी गुटों) को पाकिस्तान ने भारत को डसने के लिए पाला था, आज वही सांप पलटकर उसे ही डस रहे हैं। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे संगठन आज पाकिस्तानी सेना और सरकार के लिए ही सबसे बड़ा सिरदर्द बन गए हैं। देश के अंदर बलूचिस्तान जैसे प्रांतों में बगावत की आग धधक रही है।

भारत की बुलंदी: जिस समय पाकिस्तान खुद को बर्बाद करने में लगा था, उसी समय भारत दुनिया में एक आर्थिक और रणनीतिक महाशक्ति बनकर उभर रहा था। भारत ने न केवल पाकिस्तान की साजिशों का मुंहतोड़ जवाब दिया, बल्कि कश्मीर से धारा 370 हटाकर यह भी साबित कर दिया कि वह अपने आंतरिक मामलों में किसी भी हद तक जा सकता है।