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labour laws: झारखंड सरकार ने श्रमिकों के कल्याण के लिए एक अहम निर्णय लिया है। राज्य सरकार ने चार नए श्रम कानूनों की नियमावली बनाने का ऐलान किया है, जो भारत सरकार द्वारा 29 श्रम कानूनों को चार संहिताओं में समाहित करने के आधार पर तैयार की जा रही है। ये कदम श्रमिकों की कार्य स्थितियों में सुधार, सुरक्षा, स्वास्थ्य और सुविधाओं को बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
जानें प्रस्तावित नियमावली में चार प्रमुख श्रम कानून कौन कौन से हैं
ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन (झारखंड)
इंडस्ट्रियल रिलेशन (झारखंड)
वर्कर्स वेजेस (झारखंड)
सोशल सिक्योरिटी (झारखंड)
इन नियमावली को विधि विभाग से स्वीकृति मिलने के बाद कैबिनेट में पेश किया जाएगा। यह नियमावली झारखंड के श्रमिकों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आएगी, जिससे उनके अधिकारों और सुरक्षा में सुधार होगा।
प्रमुख प्रावधान
नए नियमों के अंतर्गत कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं-
सोशल सिक्योरिटी (झारखंड)- इस नियमावली में श्रमिकों के लिए बीमा, पेंशन, मातृत्व लाभ आदि के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए पूर्व के पांच नियमावली को मर्ज किया जाएगा। इससे श्रमिकों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी।
ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन (झारखंड)- कार्यस्थल पर श्रमिकों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत पूर्व के छह श्रम कानूनों को मर्ज किया जाएगा, जिससे सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित होगा।
इंडस्ट्रियल रिलेशन (झारखंड)- यह नियमावली ट्रेड यूनियनों और श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए औद्योगिक विवादों को कम करने के उपायों का प्रस्ताव करती है। इससे श्रमिकों और नियोक्ताओं के बीच संवाद को बढ़ावा मिलेगा।
वर्कर्स वेजेस (झारखंड)- न्यूनतम मजदूरी और उसके भुगतान के कानूनी अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए दो श्रम कानूनों को मर्ज किया जाएगा। इससे श्रमिकों को उनके श्रम का उचित मूल्य मिलेगा।
श्रमिकों के लिए उम्मीद की किरण
झारखंड सरकार के इस कदम से निश्चित रूप से श्रमिकों को बेहतर कामकाजी परिस्थितियाँ और कानूनी सुरक्षा मिलेगी। ये न केवल श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि राज्य में औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा देगा। राज्य के श्रमिक संगठनों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे श्रमिकों के लिए एक अच्छे बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।