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Up Kiran, Digital Desk: मध्य प्रदेश और राजस्थान से दिल दहला देने वाली खबरें सामने आ रही हैं, जहाँ कथित तौर पर खांसी का सिरप (Cough Syrup) पीने से कई मासूम बच्चों की मौत हो गई है। इस दर्दनाक घटना पर अब देश में एक बड़ा सियासी भूचाल आ गया है। कांग्रेस पार्टी ने इसे लेकर बीजेपी सरकारों पर अब तक का सबसे तीखा हमला बोला है और सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग की है।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मध्य प्रदेश और राजस्थान की सरकारें इस मामले को दबाने में लगी हैं और बच्चों की जान लेने वाली दवा कंपनियों को "क्लीन चिट" देकर बचा रही हैं।

"जब बच्चे मर रहे थे, तब मुख्यमंत्री काजीरंगा में घूम रहे थे"

कांग्रेस के नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बेहद गंभीर आरोप लगाए। मध्य प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल के नेता उमंग सिंघर ने दावा किया कि अकेले छिंदवाड़ा में ही 16 बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने कहा, "हमारे स्थानीय विधायक सरकार को बार-बार चेतावनी देते रहे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।"

उन्होंने बेहद तल्ख लहजे में कहा:

सरकार की असंवेदनशीलता: "जब मामला बहुत बढ़ गया, तब एक बच्ची की लाश को कब्र से निकालकर उसका पोस्टमार्टम कराया गया। प्रदेश में बच्चे मरते रहे और मुख्यमंत्री जी असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में घूमते रहे।"

डिप्टी सीएम पर बड़ा आरोप: "मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम (राजेंद्र शुक्ला) कहते हैं कि कफ सिरप से कोई मौत नहीं हुई। वह उस कंपनी को क्लीन चिट देते रहे। आखिर इस डिप्टी सीएम का दवा कंपनी से क्या रिश्ता है?"

क्या जान-बूझकर आदिवासियों को बनाया गया निशाना?

कांग्रेस ने एक और बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि दवा कंपनियों ने जान-बूझकर परासिया जैसे आदिवासी इलाकों को चुना। सिंघर ने पूछा, "ये कंपनियां जानती थीं कि वहाँ दलित, आदिवासी और गरीब लोग रहते हैं, जिनकी आवाज को आसानी से दबाया जा सकता है। क्या मंत्री इन कंपनियों से हिस्सा ले रहे हैं?"

क्या एक माँ की सूनी गोद की कीमत सिर्फ 4 लाख है?

कांग्रेस ने सरकार द्वारा दिए जा रहे मुआवजे को भी अपमानजनक बताया। उन्होंने सवाल उठाया, “बीजेपी सरकार मृतक परिवारों को सिर्फ 4 लाख रुपये का मुआवजा दे रही है। क्या एक माँ की सूनी गोद की कीमत सिर्फ 4 लाख रुपये है? क्या बीजेपी सरकार में इंसानियत बची है?”

कांग्रेस ने रखीं ये बड़ी मांगें:न्यायिक जांच हो: पूरे मामले की किसी मौजूदा जज की निगरानी में न्यायिक जांच कराई जाए।

सरकारी नौकरी: हर प्रभावित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।

पूरा मुआवजा: पीड़ित परिवारों को इलाज पर खर्च हुई पूरी रकम के बराबर मुआवजा दिया जाए।

कांग्रेस ने कहा कि मध्य प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्री सिर्फ "कठपुतली" हैं, सारे फैसले दिल्ली से लिए जा रहे हैं। इसलिए, इस पूरे मामले की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी को देश से माफी मांगनी चाहिए।