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Up Kiran, Digital Desk: लद्दाख के जाने-माने इनोवेटर, शिक्षा सुधारक और सामाजिक कार्यकर्ता, सोनम वांगचुक, जिनकी कहानी से प्रेरित होकर '3 इडियट्स' फिल्म बनी थी, उनकी गिरफ्तारी का मामला अब देश की सबसे बड़ी अदालत, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट ने लेह में हुई हिंसा के बाद सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) जैसे कड़े कानून के तहत गिरफ़्तार किए जाने पर केंद्र सरकार और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

क्या है पूरा मामला: सोनम वांगचुक पिछले काफी समय से लद्दाख को छठी अनुसूची (Sixth Schedule) में शामिल करने और राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर एक शांतिपूर्ण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे. हाल ही में, इस आंदोलन से जुड़ी एक रैली के दौरान लेह में हिंसा भड़क गई. इसी हिंसा के बाद, प्रशासन ने कड़ा कदम उठाते हुए सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार कर लिया.

क्या होता है NSA: राष्ट्रीय सुरक्षा कानून यानी NSA, एक बहुत ही सख़्त क़ानून है. इसके तहत, सरकार किसी भी ऐसे व्यक्ति को, जो देश की सुरक्षा के लिए ख़तरा माना जाता है, बिना किसी आरोप के 12 महीने तक हिरासत में रख सकती है. सोनम वांगचुक जैसे सामाजिक कार्यकर्ता पर इस क़ानून का इस्तेमाल किए जाने की काफ़ी आलोचना हो रही थी.

सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा: वांगचुक की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई. याचिका में कहा गया कि एक सामाजिक कार्यकर्ता पर NSA लगाना उनकी आवाज़ को दबाने की कोशिश है. इस पर सुनवाई करते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीर माना और केंद्र सरकार एवं लद्दाख प्रशासन से पूछा है कि वांगचुक को NSA के तहत क्यों और किन परिस्थितियों में गिरफ्तार किया गया.

कोर्ट ने दोनों पक्षों को अपना-अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. इस मामले ने एक बार फिर से व्यक्तिगत स्वतंत्रता और राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों के इस्तेमाल पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है. अब सबकी नज़रें इस पर टिकी हैं कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में क्या जवाब देती है और इस मामले में आगे क्या होता है.