लखनऊ। यूपी के सचिवालय प्रशासन विभाग के अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग में गड़बड़झाला कोई नयी बात नहीं है। ताजा मामला पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग का है। विभाग के अपर मुख्य सचिव ने पहले संयुक्त सचिव को विभाग से हटाया। उनके हटाए जाने की बाकायदा पूरे विभाग में पत्र लिखकर मुनादी की। यहां तक तो ठीक था। पर दस दिन बाद ही अचानक अफसरों को जब हटाए गए साहब अपनी कुर्सी पर विराजे मिले तो सबका दिमाग ठनका, लोग यह समझने और जानने में जुट गएं कि आखिर माजरा क्या है? इस प्रकरण की विभाग में खूब चर्चा है।
विस्तार से जानिए पूरा मामला
दरअसल, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार ने बीते तीन दिसम्बर को आदेश जारी कर विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर तैनात रवि शंकर मिश्रा को उनके पद से हटा दिया। वह यहीं नहीं रूकें, बल्कि उसके अगले दिन यानि चार नवम्बर को उन्होंने विभाग के सभी अधिकारियों और अनुभाग अधिकारियों को बाकायदा पत्र जारी कर यह निर्देश दिए कि रवि शंकर मिश्र को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। अत: उनको भेजी जाने वाली पत्रावलियां अनुसचिव और उप सचिव संबंधित विशेष सचिव को भेजेंगे।
दस दिन बाद फिर कुर्सी पर मिलें
संयुक्त सचिव रवि शंकर मिश्र को हटाए जाने के दस दिन बाद जब विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों ने देखा कि मिश्र एक आर फिर अपनी कुर्सी पर विराजमान है तो सबका माथा ठनका। उन्होंने साहब का जारी किया हुआ पुराना आदेश देखा। पर उन्हें समझ नहीं अया तो उनके फिर से आने की वजहे तलाशी जाने लगी। पर उससे संबंधित कागजात नहीं मिलें। विभागीय जानकारों का कहना है कि उनकी ज्वाइनिंग बिना किसी आदेश के ही करायी गयी है। इस मामले की विभाग में खूब चर्चा है।
Natwarlal Ias Officer मणि प्रसाद मिश्रा ने सचिव बनने के लिये जन्मतिथि में की हेरा-फेरी!
Corrupt ADIO Rahul Singh Bhati के दबाव में DM बागपत, मुख्यमंत्री के आदेश पर साधी चुप्पी
--Advertisement--