Up Kiran, Digital Desk: यह ख़बर सिर्फ़ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि एक चेतावनी है। कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में खसरे (Measles) से संक्रमित एक नवजात शिशु की मौत हो गई है, जिसका जन्म समय से पहले हुआ था। यह कनाडा में चल रहे खसरे के प्रकोप के बाद देश में दूसरी और अल्बर्टा प्रांत में पहली मौत है।
इस दुखद ख़बर की पुष्टि करते हुए, अल्बर्टा की स्वास्थ्य मंत्री एड्रियाना लाग्रेंज ने कहा कि वह इस घटना से "बहुत दुखी" हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि पाँच साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और जिन लोगों की बीमारियों से लड़ने की ताकत कमज़ोर है, उन्हें खसरे से सबसे ज़्यादा ख़तरा है। उन्होंने ख़ासतौर पर उन महिलाओं से अपील की जो गर्भधारण की योजना बना रही हैं, कि वे पहले खसरे के टीके की दो डोज़ ज़रूर लगवा लें, क्योंकि गर्भावस्था के दौरान यह टीका लगवाने की सलाह नहीं दी जाती है।
यह कोई अकेली घटना नहीं है। इसी साल जून में कनाडा के ओंटारियो में भी एक समय से पहले जन्मे बच्चे की खसरे से मौत हो गई थी।
क्यों है यह चिंता की बात: चिंता की सबसे बड़ी वजह यह है कि कनाडा ने 1998 में ही खसरे को पूरी तरह से ख़त्म घोषित कर दिया था। लेकिन अब इस बीमारी की वापसी ने देश भर के स्वास्थ्य अधिकारियों को सकते में डाल दिया है। पिछले साल अक्टूबर से शुरू हुआ यह प्रकोप कई प्रांतों में फैल चुका है और इस साल अब तक 5,000 से ज़्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें अल्बर्टा और ओंटारियो सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं।
लेकिन खसरा आखिर है क्या और यह इतना ख़तरनाक क्यों है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, खसरा एक वायरस से होने वाली ho'ii संक्रामक बीमारी है। यह संक्रमित व्यक्ति के साँस लेने, खाँसने या छींकने से बहुत आसानी से फैलता है। आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।
यह किसे प्रभावित करता है? यह किसी को भी हो सकता है, लेकिन बच्चों में यह सबसे आम है।
इसके लक्षण क्या हैं?शुरुआती लक्षण 4-7 दिनों तक रहते हैं, जिनमें तेज बुखार, खांसी, बहती नाक और आँखों का लाल होना शामिल है।
गाल के अंदर छोटे सफेद धब्बे भी दिख सकते हैं।
इसके बाद पूरे शरीर पर लाल दाने निकल आते हैं।
लक्षण आमतौर पर वायरस के संपर्क में आने के 10-14 दिन बाद दिखने शुरू होते हैं।
बचाव का एकमात्र तरीका: टीकाकरण
खसरे से बीमार होने या इसे दूसरों में फैलने से रोकने का सबसे अच्छा तरीका टीकाकरण ही है। यह टीका पूरी तरह से सुरक्षित है और शरीर को वायरस से लड़ने में मदद करता है।
यह जानना ज़रूरी है कि 1963 में खसरे का टीका आने से पहले, हर 2-3 साल में इसकी बड़ी महामारी फैलती थी और हर साल लगभग 26 लाख लोगों की मौत हो जाती थी। एक सुरक्षित और असरदार टीका होने के बावजूद, 2023 में दुनिया भर में खसरे से अनुमानित 1,07,500 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज़्यादातर पाँच साल से कम उम्र के बच्चे थे।
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