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Up kiran,Digital Desk : उत्तर प्रदेश के झांसी से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। सात महीने पहले ही शादी के बंधन में बंधी एक नई दुल्हन ने अपने पति की मौत के ठीक दो महीने बाद फांसी लगाकर अपनी भी जान दे दी। 23 साल की राधिका उर्फ ललिता के इस कदम से दोनों परिवारों में कोहराम मच गया है। पीछे छोड़े एक सुसाइड नोट में उसने अपने गम को बयां करते हुए लिखा है कि वह पति के बिना नहीं जी पा रही थी।

खुशियों से शुरू हुई थी कहानी

कानपुर की रहने वाली राधिका की शादी इसी साल 13 अप्रैल को झांसी के हंसारी मोहल्ले में रहने वाले विशाल यादव से हुई थी। विशाल बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर घर चलाता था। परिवार वालों का कहना है कि शादी के बाद दोनों एक-दूसरे के साथ बहुत खुश थे और जल्द ही मनाली घूमने जाने की तैयारी भी कर रहे थे।

5 महीने बाद ही खुशियों को लगी नजर

लेकिन उनकी खुशियों को शायद किस्मत की नजर लग गई। अभी शादी को सिर्फ पांच महीने ही हुए थे कि अक्टूबर में विशाल को अचानक घर पर ही हार्ट अटैक आ गया। परिवार वाले उसे लेकर अस्पताल भागे, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। इस अचानक हुए हादसे ने राधिका को पूरी तरह से तोड़कर रख दिया।

पति की मौत के बाद राधिका गहरे सदमे में चली गई थी। परिवार वालों ने बताया कि उसने ठीक से खाना-पीना छोड़ दिया था और अक्सर घंटों तक खुद को कमरे में बंद करके बस अपने पति को याद कर रोती रहती थी।

और फिर उस सुबह...

शुक्रवार की सुबह करीब सात बजे वह नहाने के लिए ऊपर के कमरे में गई, लेकिन जब कई घंटे तक नीचे नहीं आई, तो परिवार वालों को चिंता हुई। उन्होंने ऊपर जाकर देखा तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। खिड़की से झांकने पर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई - राधिका साड़ी के फंदे से पंखे पर लटकी हुई थी। चीख-पुकार के बीच दरवाजा तोड़ा गया और उसे नीचे उतारा गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सुसाइड नोट में छलका दर्द: "मेरी ही किस्मत बुरी थी..."

पुलिस को मौके से राधिका का लिखा एक पेज का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसे पढ़कर किसी का भी दिल भर आएगा। उसने अपने परिवार वालों से माफी मांगते हुए लिखा, "मैंने खुद को मजबूत बनाने की बहुत कोशिश की, पर मैं नहीं कर पा रही थी। हर दिन खुद को यह यकीन दिलाना पड़ता है कि वो (विशाल) अब मेरे पास नहीं हैं और न ही कभी लौटकर आएंगे। मेरे पास जीने का कोई रास्ता नहीं बचा है।"

उसने अपने भाई को संबोधित करते हुए लिखा, "भइया, आपने मेरे लिए दुनिया का सबसे अच्छा जीवनसाथी चुना था, पर मेरी ही किस्मत इतनी बुरी थी कि मेरी सारी खुशियां ही छिन गईं।"

अपने आखिरी खत में उसने अपनी दोनों बहनों से यह गुजारिश भी की कि वे रक्षाबंधन पर भाइयों को राखी बांधने जरूर जाएं।

राधिका के ससुर और देवर रेलवे में नौकरी करते हैं। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे परिवार को सौंप दिया है और मामले की जांच कर रही है।