Up Kiran, Digital Desk: महबूबनगर जिले के गांवों में पिछले दो महीने से चली आ रही दहशत और डर का आखिरकार अंत हो गया है। वह चालाक तेंदुआ, जो रात के अंधेरे में मवेशियों को अपना शिकार बना रहा था, वन विभाग के बिछाए जाल में फंस गया है। इस खबर के बाद से स्थानीय लोगों और किसानों ने राहत की सांस ली है।
क्या था पूरा मामला: पिछले करीब दो महीनों से महबूबनगर जिले के अप्पनपल्ली और आस-पास के गांवों में एक तेंदुए का आतंक था। यह तेंदुआ किसानों के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया था। यह न सिर्फ खेतों में घूमता था, बल्कि बछड़ों और आवारा कुत्तों को भी अपना निशाना बना रहा था। इसकी वजह से ग्रामीणों में, खासकर रात के समय, बाहर निकलने को लेकर एक डर का माहौल बन गया था।
ऐसे फंसा तेंदुआ अपने ही जाल में: वन विभाग की टीमें पिछले दो महीने से इस तेंदुए को पकड़ने के लिए दिन-रात एक किए हुए थीं, लेकिन यह हर बार चकमा देकर निकल जाता था।
आखिरकार, अधिकारियों ने एक पक्की योजना बनाई। उन्होंने अप्पनपल्ली गांव के किसान तिरूपति रेड्डी के शेड में एक बड़ा पिंजरा लगाया और चारे के रूप में एक बछड़े को अंदर रखा। यह योजना काम कर गई। सोमवार की सुबह, तेंदुआ बछड़े का शिकार करने के इरादे से शेड में घुसा और पिंजरे का दरवाजा बंद होते ही उसमें कैद हो गया।
जिला वन अधिकारी (DFO) जी. गंगा रेड्डी और वन रेंज अधिकारी ममता ने ऑपरेशन की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि पकड़े गए तेंदुए को सुरक्षित रूप से अमराबाद टाइगर रिजर्व के घने जंगलों में छोड़ दिया जाएगा, ताकि वह अपने प्राकृतिक आवास में रह सके।
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