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Up Kiran, Digital Desk: भारतीय सिनेमा के जाने-माने निर्देशक मणिरत्नम अपने बेहतरीन निर्देशन और संवेदनशील विषयों पर फिल्म बनाने के लिए जाने जाते हैं। हालाँकि, उनके लंबे और सफल करियर में एक फिल्म ऐसी भी रही जो ज़बरदस्त विवादों में घिर गई थी - यह थी 1995 में रिलीज़ हुई फिल्म 'बॉम्बे'। यह फिल्म निर्देशक की सबसे अधिक विवादास्पद फिल्मों में से एक मानी जाती है।

फिल्म 'बॉम्बे' मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) में 1992-93 के दंगों और उसके बाद की घटनाओं की पृष्ठभूमि पर आधारित थी। फिल्म में सांप्रदायिक तनाव और इसके मानवीय प्रभाव को दर्शाया गया था, जो अपने आप में एक बेहद संवेदनशील और ज्वलंत मुद्दा था।

जैसे ही फिल्म रिलीज़ हुई, इसने दर्शकों, राजनीतिक समूहों और विभिन्न समुदायों से तीखी प्रतिक्रियाएं और आलोचनाएं बटोरीं। कुछ लोगों का मानना था कि फिल्म ने घटनाओं को सही ढंग से नहीं दिखाया या कुछ समुदायों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई। विवाद इतना बढ़ गया था कि फिल्म को दो देशों में प्रतिबंधित कर दिया गया था।

विवाद की आंच निर्देशक तक भी पहुंची। फिल्म 'बॉम्बे' को लेकर हुए हंगामे के चलते मणिरत्नम के चेन्नई स्थित घर पर हमला भी हुआ था, जो उस समय की तनावपूर्ण स्थिति को दर्शाता है।

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