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Modi government: सरकार ने वीआईपी सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) कमांडो को खत्म करने का फैसला किया है। 9 प्रमुख लोगों को वीआईपी सुरक्षा दी गई है और उनकी सुरक्षा के लिए एनएसजी कमांडो तैनात हैं। अब अगले महीने से इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को सौंपी जाएगी। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षा इकाई में विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की एक नई बटालियन को शामिल करने की भी मंजूरी दे दी है।

NSG के ब्लैक कैट कमांडो अब 'इन' नेताओं की सुरक्षा के लिए तैनात हैं

सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) की ब्लैक कैट कमांडो जेड प्लस श्रेणी में नौ वीआईपी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा अध्यक्ष मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधान मंत्री लालकृष्ण शामिल हैं। आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और आंध्र राज्य के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू। अब उन्हें सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा देंगे।

सीआरपीएफ में नई बटालियन होगी

सीआरपीएफ के पास छह वीआईपी सुरक्षा बटालियन हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, इस कार्य के लिए एक और 7वीं बटालियन को शामिल करने के लिए कहा गया है। यह नई बटालियन होगी जो कुछ महीने पहले तक संसद की सुरक्षा में काम कर रही थी। अधिकारी ने बताया कि संसद में सुरक्षा खामियां सामने आने के बाद पिछले साल संसद की सुरक्षा सीआरपीएफ से लेकर सीआईएसएफ को सौंप दी गई थी।

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