
Up Kiran, Digital Desk: आजकल हर कोई फिट रहना चाहता है। इसके लिए लोग जिम में घंटों पसीना बहाते हैं, वजन उठाते हैं और मुश्किल एक्सरसाइज करते हैं। लेकिन जोश-जोश में कई बार होश खो बैठते हैं और नतीजा होती है एक दर्दनाक चोट - मसल में खिंचाव, हड्डी खिसकना या फिर कोई फ्रैक्चर।
ऐसे में इलाज का खर्चा हजारों-लाखों में पहुंच सकता है। तो सवाल यह उठता है कि जिस हेल्थ इंश्योरेंस को आपने बुरे वक्त के लिए ले रखा है, क्या वह जिम में लगी इस चोट का खर्चा उठाएगा? ज्यादातर लोगों को लगता है कि इसका जवाब 'हां' है, लेकिन कहानी में एक बड़ा 'लेकिन' है।
चलिए, आज आसान भाषा में इस पूरे कंफ्यूजन को दूर करते हैं।
तो क्या जिम की चोट कवर होती :इसका सीधा और सरल जवाब है: हां, ज्यादातर मामलों में होती है, लेकिन कुछ शर्तों के साथ।
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां जिम में लगी चोट को एक 'दुर्घटना' (Accident) मानकर कवर करती हैं। इंश्योरेंस की भाषा में 'दुर्घटना' का मतलब है कोई भी अचानक हुई, अनपेक्षित घटना जिससे आपको शारीरिक चोट लगे।
जैसे कि:ट्रेडमिल पर दौड़ते हुए पैर फिसल जाना।
वजन उठाते समय अचानक हाथ से डंबल छूटकर पैर पर गिर जाना।
एक्सरसाइज करते हुए मांसपेशियों में गंभीर खिंचाव आ जाना।
अगर आपकी चोट इन कैटेगरी में आती है, तो आपकी हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होने, डॉक्टर की फीस, जांच, दवाओं और यहां तक कि सर्जरी का खर्चा भी कवर करेगी।
तो फिर क्लेम रिजेक्ट क्यों होता (सबसे जरूरी बात)
यहीं पर ज्यादातर लोग गलती करते हैं। हर पॉलिसी में कुछ 'बहिष्करण' (Exclusions) होते हैं, यानी वे स्थितियां जिनमें कंपनी पैसा नहीं देगी। जिम या स्पोर्ट्स से जुड़ी चोटों के मामले में ये कुछ कॉमन एक्सक्लूजन हैं:
1. अगर आप प्रोफेशनल खिलाड़ी हैं: अगर आप एक पेशेवर एथलीट, क्रिकेटर या बॉक्सर हैं और आपको ट्रेनिंग या मैच के दौरान चोट लगती है, तो सामान्य हेल्थ इंश्योरेंस इसे कवर नहीं करता। इसके लिए खास तरह का स्पोर्ट्स इंश्योरेंस लेना पड़ता है।
2. खतरनाक या एडवेंचर स्पोर्ट्स: रॉक क्लाइम्बिंग, बंजी जंपिंग, स्काई डाइविंग जैसे खतरनाक खेलों के दौरान लगी चोटें आमतौर पर सामान्य पॉलिसी में कवर नहीं होतीं।
3. जानबूझकर खुद को चोट पहुंचाना: अगर यह साबित हो जाता है कि चोट जानबूझकर या लापरवाही की वजह से लगी है, तो क्लेम रिजेक्ट हो जाएगा।
4. शराब या नशे के प्रभाव में चोट लगना: अगर चोट लगते समय आप शराब या किसी और नशे के प्रभाव में थे, तो इंश्योरेंस कंपनी कोई क्लेम नहीं देगी।
5. बिना डॉक्टरी सलाह के इलाज: अगर आप चोट लगने पर डॉक्टर के पास जाने की बजाय खुद ही कोई इलाज करने लगते हैं और मामला बिगड़ जाता है, तो भी कंपनी क्लेम देने से मना कर सकती है।
तो आपको क्या करना चाहिए?
जिम ज्वॉइन करने से पहले या अगर आप पहले से जा रहे हैं, तो आज ही अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का डॉक्यूमेंट निकालिए और उसमें 'एक्सक्लूजन' वाला हिस्सा ध्यान से पढ़िए।
यह जान लीजिए कि आपकी पॉलिसी में किस तरह की चोटें कवर नहीं हैं। अगर आपको लगता है कि आप किसी हाई-रिस्क एक्टिविटी में हैं, तो अपनी इंश्योरेंस कंपनी से बात करके एक 'पर्सनल एक्सीडेंट कवर' जैसा ऐड-ऑन राइडर ले सकते हैं।
फिट रहना बहुत जरूरी है, लेकिन फिट रहते हुए सुरक्षित रहना और अपने इंश्योरेंस के बारे में पूरी जानकारी रखना उससे भी ज्यादा जरूरी है।
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