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Up Kiran, Digital Desk: बांग्लादेश में जन्माष्टमी के पावन अवसर पर, अंतरिम सरकार ने हिंदू समुदाय को बधाई संदेश भेजकर शांति और सांप्रदायिक सद्भाव पर जोर दिया है। लगभग एक साल पहले इस्कॉन (ISKCON) के एक प्रमुख पूर्व पुजारी और बांग्लादेश सम्मेलित सनातनी जागरण मंच के प्रवक्ता, चिनमोय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी के बाद से बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के प्रति बढ़ते तनाव और हमलों के बीच यह संदेश आया है। 

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार, मुहम्मद यूनुस ने अपने एक विशेष संदेश में भगवान श्री कृष्ण के आदर्शों की प्रशंसा की, और कहा कि न्याय, मानवीय करुणा और शांति का उनका संदेश एक अधिक सामंजस्यपूर्ण समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

मोहम्मद यूनुस का सद्भाव संदेश: श्री कृष्ण के आदर्शों पर जोर

अपने संदेश में, मुहम्मद यूनुस ने कहा, "भगवान श्री कृष्ण ने समाज में न्याय, मानवीय करुणा और शांति का संदेश फैलाया है। जहाँ भी उन्होंने अन्याय या उत्पीड़न देखा, वह बुराई की ताकतों से अच्छाई की ताकतों की रक्षा के लिए प्रकट हुए।" यूनुस ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कृष्ण की शिक्षाएं केवल हिंदुओं के लिए ही नहीं, बल्कि सभी लोगों के लिए प्रासंगिक हैं। 

उन्होंने सुझाव दिया कि उनके मूल्य धार्मिक सीमाओं को पार कर सभी धर्मों के लोगों को प्रेरित कर सकते हैं। यूनुस ने इस बात को दोहराया कि बांग्लादेश की संस्कृति सांप्रदायिक सद्भाव की रही है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग सदियों से शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहे हैं। उन्होंने सभी से सतर्क रहने का आह्वान किया ताकि कोई भी समाज में मौजूदा व्यवस्था, भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द को कमजोर न कर सके।

बढ़ते तनाव और हिंदू समुदाय पर हमलों की चिंता

जहां यूनुस का संदेश सांप्रदायिक सद्भाव को रेखांकित करने का प्रयास करता है, वहीं बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। 25 नवंबर, 2024 को इस्कॉन के प्रमुख नेता चिनमोय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी ने इन तनावों को सतह पर ला दिया है।

 ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की खोजी शाखा द्वारा राजद्रोह का आरोप लगाए जाने के बाद, दास, जो एक बड़ी हस्ती थे, की गिरफ्तारी ने बांग्लादेश के हिंदू समुदाय द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों को जन्म दिया है, जिन्होंने अपनी चिंताएं व्यक्त की हैं। इन घटनाओं ने देश की सांप्रदायिक सद्भाव की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और समुदाय के सदस्यों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा कर दी है।

धार्मिक स्वतंत्रता और इस्कॉन की भूमिका

इस्कॉन बांग्लादेश में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक और सामाजिक संगठन रहा है, और इसके नेताओं की गिरफ्तारी ने कई लोगों को चिंतित कर दिया है। ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी का मामला बांग्लादेश में धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर चल रही बहस को और तेज करता है।

जहां सरकार सद्भाव का संदेश दे रही है, वहीं जमीनी हकीकत, जैसे कि प्रमुख धार्मिक नेताओं की गिरफ्तारी और समुदाय द्वारा व्यक्त की गई चिंताएं, एक जटिल तस्वीर पेश करती हैं। ऐसे में, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार इन चिंताओं को कैसे दूर करती है और वास्तव में सभी के लिए एक सुरक्षित और सामंजस्यपूर्ण वातावरण कैसे सुनिश्चित करती है।

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