2024 इलेक्शन को लेकर विरोधी खेमे में उठापटक से भारतीय जनता पार्टी को अपनी राह और आसान नजर आने लगी है। जिस जातीय जनगणना के मुद्दे को सभी सियासी दलों ने जोर शोर से उठाया था, अब वही उनके मध्य तनाव का सबब बन रहा है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और सपा में मची होड़ से भगवा खेमा उत्साहित दिखाई दे रहा है।
लोकसभा चुनाव 2024 में MP की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी फ्रेंडली फाइट हुई तो भाजपा को और भी आराम हो जाएगी। पिछले दिनों गठबंधन के दो अहम पार्टी कांग्रेस और सपा के बीच खींचतान भले ही मध्यप्रदेश के टिकट को लेकर हुई हो, मगर इस झगड़े की जड़ें यूपी से ही जुड़ी है। रणनीतिकारों का कहना है कि पिछड़ों और दलितों को लेकर कांग्रेस की आक्रामक राजनीति उसके सहयोगियों को ही रास नहीं आ रही। जातीय जनगणना का मामला उठाने की होड़ में भी कांग्रेस दूसरों से आगे निकलती दिखी है।
खैर, सपा कांग्रेस की जुबानीजंग ने सत्ताधारी दल को इंडिया गठबंधन को घेरने का एक और मौका दे दिया। विपक्ष की इस रस्साकशी में बीजेपी नेता मजे लेने का कोई भी मौका नहीं चूक रहे। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने इस लड़ाई पर कहा कि यह तो होना ही था। आगे आगे देखिए होता है क्या। वहीं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तो इस मुद्दे पर चुटकी लेते हुए बकायदा अखिलेश यादव के समर्थन में कांग्रेसी दिग्गज कमलनाथ को हिदायत तक दे डाली।
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