
Up kiran,Digital Desk : 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े पुल बंगश गुरुद्वारा कांड में एक अहम गवाही सामने आई है। उत्तरी दिल्ली के इस मामले में शुक्रवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में 70 वर्षीय प्रत्यक्षदर्शी हरपाल कौर बेदी ने अपनी आपबीती साझा की। उन्होंने गंभीर आरोप लगाए कि उस दिन कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को उन्होंने भीड़ को सिखों के खिलाफ भड़काते हुए देखा था।
बेदी ने बताया कि 1 नवंबर 1984 को जब वह गुरुद्वारा पुल बंगश के सामने फुटपाथ पर खड़ी थीं, तब टाइटलर एक सफेद एम्बेसडर कार में वहां पहुंचा और बाहर निकलकर तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर भीड़ को लूटपाट और हिंसा के लिए उकसाने लगा।
उन्होंने बताया कि हिंसक भीड़ ने उनके जान-पहचान के कई लोगों को बेरहमी से मारा। उनके कर्मचारी गुरचरण सिंह और एक रागी बादल सिंह को पीट-पीटकर छत से नीचे फेंका गया और फिर आग लगा दी गई।
बेदी ने कोर्ट में कहा कि टाइटलर के इशारे पर ही यह हिंसा हुई। उस वक्त वह इसलिए चुप रहीं क्योंकि उनके इकलौते बेटे को जान से मारने की धमकी दी गई थी। बेटे की मौत 2015 में हो गई, जिसके बाद उन्होंने 2016 में पहली बार सीबीआई को टाइटलर का नाम बताया।
उन्होंने बताया कि टाइटलर कार के अंदर से ही ‘मारो-मारो’ कहते हुए इशारे कर रहा था। जब टाइटलर के वकील ने आरोपों पर सवाल उठाए तो उन्होंने साफ कहा कि उन्होंने किसी के दबाव में बयान नहीं दिया और न ही सीबीआई ने उन्हें गवाही बदलने के लिए कहा।
सीबीआई ने इस मामले में 20 मई 2023 को टाइटलर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कहा गया कि उन्होंने गुरुद्वारे के सामने भीड़ को उकसाया, जिससे तीन सिखों की हत्या हुई।
इस मामले की अगली सुनवाई शनिवार को होगी।
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