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Up kiran,Digital Desk : सोचिए एक कातिल कितना शातिर हो सकता है! पहले वो किसी अनजान शख्स को मारता है, फिर उसकी लाश को पहचान छुपाने के लिए जला देता है, और फिर उस जली हुई लाश के पास अपनी पहचान पत्र (ID Card) छोड़ देता है।

क्यों? ताकि पुलिस और दुनिया को लगे कि वो खुद मर चुका है। उसके खिलाफ सारे केस बंद हो जाएं और वो एक नई ज़िंदगी शुरू कर सके।

यह किसी क्राइम थ्रिलर फिल्म की स्क्रिप्ट नहीं, बल्कि आगरा के अछनेरा के रहने वाले एक हिस्ट्रीशीटर और पूर्व फौजी हुसन सिंह की असली कहानी है, जिसकी साज़िश तो बहुत पक्की थी, लेकिन वो पुलिस को कम आंकने की गलती कर बैठा।

फौजी से हिस्ट्रीशीटर बनने की कहानी

हुसन सिंह 2007 में भारतीय सेना में भर्ती हुआ था, लेकिन उसकी करतूतों की वजह से 2013 में उसे नौकरी से निकाल दिया गया। इसके बाद उसने जुर्म की दुनिया में कदम रखा। डकैती, हत्या की कोशिश, गैंगस्टर एक्ट... आगरा से लेकर भरतपुर तक उस पर कई मुक़दमे दर्ज थे और वो पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका था।

वो खौफनाक साज़िश

पुलिस से हमेशा के लिए पीछा छुड़ाने के लिए हुसन सिंह ने एक खतरनाक प्लान बनाया। साल 2024 में वो मध्य प्रदेश के बुरहानपुर गया।

  1. कत्ल: वहां उसने निलेश नाम के एक व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी।
  2. पहचान मिटाई: लाश को इस कदर जला दिया कि कोई उसे पहचान न सके।
  3. अपनी 'मौत' का सबूत छोड़ा: फिर उसने उस जली हुई लाश के पास अपना आर्मी का आईडी कार्ड और कुछ दूसरा सामान रख दिया। उसे लगा कि पुलिस लाश को उसका समझेगी और हुसन सिंह की फाइल हमेशा के लिए बंद कर दी जाएगी।

...पर पुलिस चकमा नहीं खाई

साज़िश रचने के बाद हुसन सिंह मुंबई भाग गया और इंतज़ार करने लगा कि कब पुलिस उसके 'मरने' की खबर पर मुहर लगाए। लेकिन बुरहानपुर पुलिस को दाल में कुछ काला लगा। जांच में जब हकीकत सामने आई, तो पुलिस के भी होश उड़ गए। पता चला कि लाश तो निलेश की है और कातिल हुसन सिंह ज़िंदा है। पुलिस ने तुरंत हुसन सिंह पर 30,000 रुपये का इनाम घोषित कर दिया।

और फिर...STF का शिकंजा

कुछ समय मुंबई में काटने के बाद, हुसन सिंह को लगा कि मामला अब ठंडा पड़ चुका है। वो वापस अपने गांव कचौरा (आगरा) लौट आया। लेकिन उसे नहीं पता था कि यूपी STF के कान खड़े थे।

गुरुवार को STF को खबर मिली कि हुसन सिंह गांव के मंदिर के पास घूम रहा है। बस फिर क्या था, STF की टीम ने जाल बिछाया और उसे धर दबोचा। बुरहानपुर पुलिस को भी बुला लिया गया और आखिरकार, पुलिस को 'मारने' की कोशिश करने वाला यह शातिर अपराधी अब सलाखों के पीछे है।