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Up Kiran, Digital Desk: पाकिस्तान सेना के प्रमुख (Pakistan Army Chief) जनरल असीम मुनीर (Asim Munir) एक बार फिर संयुक्त राज्य अमेरिका (US) का दौरा कर सकते हैं। यह जानकारी सामने आने के बाद अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हलकों में कयासों का दौर शुरू हो गया है, क्योंकि यदि यह यात्रा होती है, तो यह महज दो महीनों के भीतर उनकी दूसरी अमेरिका यात्रा (Second Trip to US in Two Months) होगी। किसी भी सेना प्रमुख का इतने कम समय में किसी महत्वपूर्ण देश का यह दूसरा दौरा अपने आप में कई रणनीतिक और भू-राजनीतिक संकेतों को उजागर करता है।

आम तौर पर, उच्च-स्तरीय सैन्य यात्राएं, विशेषकर दो महीने के भीतर इतनी करीब की यात्राएं, गहरे सैन्य सहयोग, महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सुरक्षा (Regional Security) चिंताओं या द्विपक्षीय संबंधों में एक नई दिशा का संकेत देती हैं। जनरल मुनीर की यह संभावित यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब पाकिस्तान विभिन्न आंतरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनमें आर्थिक अस्थिरता और क्षेत्रीय सुरक्षा समीकरणों में बदलाव शामिल हैं।

यह दर्शाता है कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग (Defense and Security Cooperation) पर केंद्रित चर्चाओं की तीव्रता बढ़ गई है। उनकी पिछली यात्रा के दौरान, विभिन्न सुरक्षा मामलों, विशेषकर आतंकवाद-विरोधी प्रयासों (Counter-Terrorism Efforts) और क्षेत्रीय स्थिरता (Regional Stability) पर चर्चा होने की उम्मीद थी। इतनी जल्दी दूसरी यात्रा यह संकेत दे सकती है कि पिछली बैठकों में कुछ अनसुलझे मुद्दे बाकी रह गए थे, या नए भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर तत्काल समन्वय की आवश्यकता महसूस हुई है।

विश्लेषकों का मानना है कि इस यात्रा का एजेंडा व्यापक हो सकता है, जिसमें अफगानिस्तान (Afghanistan) में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति, क्षेत्रीय आतंकवाद के खतरे, पाकिस्तान के लिए संभावित अमेरिकी सैन्य सहायता (US Military Aid to Pakistan) और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) जैसे मुद्दों पर चर्चा शामिल हो सकती है, जो अमेरिका की भौंहें चढ़ा देता है। इसके अतिरिक्त, पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम (Pakistan's Nuclear Program) और क्षेत्रीय सुरक्षा में इसकी भूमिका भी वाशिंगटन में चर्चा का एक स्थायी बिंदु बनी हुई है।

जनरल मुनीर का अमेरिका के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के साथ इतनी बार सीधा संपर्क यह भी बताता है कि पाकिस्तान अमेरिका के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बना हुआ है, खासकर इस क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने और आतंकवाद का मुकाबला करने के संदर्भ में। पाकिस्तान, दशकों से अमेरिका का एक महत्वपूर्ण सहयोगी रहा है, और ऐसे में दोनों देशों के सैन्य प्रमुखों के बीच सीधा संवाद विश्वास और आपसी समझ बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इस यात्रा के परिणामों पर न केवल पाकिस्तान और अमेरिका, बल्कि पूरे दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व के देश भी करीब से नजर रखेंगे।

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