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Up Kiran, Digital Desk: ईद के चलते पर मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष नूरी खान द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई एक पोस्ट और वीडियो ने नया सियासी बखेड़ा खड़ा कर दिया है। खान ने अपनी पोस्ट में मटन की दुकानों पर ग्राहकों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य करने और सीसीटीवी कैमरे लगाने का सुझाव दिया है, जिसके बाद से ही सियासी कुनबो में इस पर तीखी बहस छिड़ गई है।

नूरी खान ने 11 मिनट 2 सेकंड का एक वीडियो भी अपलोड किया है, जिसमें वह दावा कर रही हैं कि ईद से कहीं ज़्यादा बकरे 'बकरा होली' पर काटे जाते हैं। दिल्ली की मुख्यमंत्री द्वारा ईद के त्योहार पर जारी एडवाइजरी के बाद यह वीडियो सामने आया है।

संविधान और धार्मिक स्वतंत्रता पर टिप्पणी

वीडियो में नूरी खान भारतीय संविधान में निहित धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार और खाने-पीने की चीज़ों का चयन अपनी पसंद से करने की बात करती नज़र आ रही हैं। उन्होंने संविधान की 'धज्जियां उड़ाए जाने' और होली, ईद और दिवाली जैसे त्योहारों पर देश के लोगों की रगों और नसों में 'ज़हर और नफरत फैलाने' जैसी बातें भी कही हैं।

होली पर बढ़ जाती है बकरा काटने की संख्या

अपने दावे को पुष्ट करने के लिए नूरी खान ने आंकड़ों का हवाला दिया है। उन्होंने कहा कि बेज़ुबान जानवरों को सिर्फ ईद पर ही नहीं काटा जाता, बल्कि एक रिपोर्ट के मुताबिक, होली के समय मटन की खपत में लगभग 600 प्रतिशत की वृद्धि होती है। उनके अनुसार, "होली पर बकरा काटने की संख्या बढ़ जाती है। आम दिनों में मटन 4000 क्विंटल प्रतिदिन की तादाद में बिकता है, वहीं होली पर यह 20,000 क्विंटल प्रति क्विंटल की तादाद में बिकने लगता है।" उन्होंने कहा कि ईद के मौके पर बेज़ुबान जानवरों को मारने और धर्म की बात की जाती है, मगर भारत विविधताओं का देश है।

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