
Earthquake Sign: बीते कल को म्यांमार और थाईलैंड की धरती कांप उठी। रिक्टर स्केल पर 7.7 की तीव्रता वाले भूकंप ने दोनों देशों में हाहाकार मचा दिया। शहरों में ऊंची-ऊंची इमारतें ताश के पत्तों की तरह ढह गईं, सड़कें फट गईं और हजारों लोग लापता हो गए। बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत के मलबे में 50 से ज्यादा लोग दब गए। मंजर ऐसा कि आंखें नम और दिल दहल जाए। लेकिन क्या इस तबाही को रोका जा सकता था? कुदरत पहले ही कुछ संकेत देती है यदि इन्हें समझ लिया जाए, तो शायद कई जानें बचाई जा सकती हैं।
भुकंप आने से पहले कुत्ते भौंकते हैं, बिल्लियां चिल्लाती हैं और पक्षी अजीब हरकतें करते हैं। जानवरों को धरती की हलचल पहले महसूस होती है। जानवर अजीब अजीब हरकतें करते हैं। कुओं या नदियों में अचानक पानी कम-ज्यादा होना धरती के भीतर बदलाव की खबर देता है।
पैरों तले हल्का कंपन या सनसनाहट कई बार बड़े झटके की आहट होती है। भूकंप आने से पहले गूगल भी अलर्ट देने लगता है। कई बार बड़े भूकंप से पहले छोटे-छोटे झटके आते हैं। इन्हें पूर्वाभास कहते हैं- ये चेतावनी अक्सर नजरअंदाज की जाती है। पक्षियों की चहचहाहट रुक जाए, हवा थम जाए तो ये खामोशी भूकंप का इशारा हो सकती है।
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