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Up Kiran, Digital Desk:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक बार फिर दृढ़ता से दोहराया कि भारत बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह बयान भारत की बढ़ती आर्थिक शक्ति और वैश्विक मंच पर उसकी बढ़ती साख को दर्शाता है, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं चुनौतियों का सामना कर रही हैं।

पीएम मोदी ने कहा कि यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतीयों के सामूहिक प्रयासों, नवाचार और अदम्य भावना का प्रमाण है। उन्होंने अपनी सरकार द्वारा पिछले वर्षों में किए गए आर्थिक सुधारों, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर निवेश, और व्यापार-अनुकूल नीतियों को इस उल्लेखनीय प्रगति का श्रेय दिया।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत की आर्थिक वृद्धि समावेशी है, जिसका लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंच रहा है। चाहे वह 'मेक इन इंडिया' के तहत विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देना हो, 'डिजिटल इंडिया' के माध्यम से तकनीकी सशक्तिकरण हो, या छोटे व्यवसायों और किसानों को समर्थन देना हो - हर क्षेत्र में किए गए प्रयासों से देश की आर्थिक नींव मजबूत हुई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह आर्थिक महाशक्ति बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होगा, जो 'आत्मनिर्भर भारत' और 'विकसित भारत 2047' के हमारे बड़े लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में भारत न केवल अपनी आंतरिक चुनौतियों से निपटेगा, बल्कि वैश्विक आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

पीएम मोदी का यह बयान निवेशकों, व्यापारिक समुदाय और आम जनता में एक नया आत्मविश्वास भरता है। यह दर्शाता है कि भारत वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर एक उभरती हुई शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को लगातार मजबूत कर रहा है, और आने वाले वर्षों में विश्व अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख इंजन बनने के लिए पूरी तरह तैयार है।

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