Up Kiran, Digital Desk: नवरात्रि आते ही हर किसी का मन एक बार जम्मू में माता वैष्णो देवी के दरबार में हाज़िरी लगाने का करता है। लेकिन हर बार ये संभव नहीं हो पाता। पर क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में एक ऐसा मंदिर है, जो आपको जम्मू की बर्फीली गुफाओं जैसा ही अनुभव कराता है? जी हाँ, कानपुर के दामोदर नगर में स्थित वैष्णो देवी का यह मंदिर सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि आस्था और भक्ति का एक जीता-जागता प्रमाण है।
गुफाओं के बीच से पहुँचते हैं माँ के दरबार
इस मंदिर की सबसे बड़ी ख़ासियत है इसकी बनावट। यहाँ आपको जम्मू की तरह ही संकरी और रहस्यमयी गुफाओं से होकर गुजरना पड़ता है। कहीं आपको झुककर चलना होगा, तो कहीं बैठकर। इन पत्थरों से बनी गुफाओं में जब भक्त "जय माता दी" के नारे लगाते हुए आगे बढ़ते हैं, तो ऐसा लगता है मानो वे सचमुच कटरा की पहाड़ियों पर चढ़ाई कर रहे हों। इस रोमांचक रास्ते के अंत में जब माँ वैष्णो देवी के दर्शन होते हैं, तो सारी थकान पल भर में मिट जाती है।
आकर्षण का केंद्र है माँ का 1000 हाथों वाला स्वरूप
इस मंदिर में माँ वैष्णो के साथ-साथ एक और अद्भुत प्रतिमा है जो भक्तों को अपनी ओर खींच लाती है। यह प्रतिमा है महिषासुर मर्दिनी की, जिनके एक-दो नहीं, बल्कि पूरे 1000 हाथ हैं। माँ के इस सहस्त्रबाहु स्वरूप को देखना एक अविश्वसनीय अनुभव होता है। यह विशाल प्रतिमा माँ की अनंत शक्ति और सामर्थ्य को दर्शाती है। कहते हैं कि सच्चे मन से इस स्वरूप के दर्शन करने से भक्तों के बड़े से बड़े संकट भी टल जाते हैं।
एक भक्त की मन्नत से हुआ मंदिर का निर्माण
यह खूबसूरत मंदिर एक भक्त, श्री जयदेव सिंह राणा के संकल्प का परिणाम है। कहा जाता है कि एक मन्नत पूरी होने पर माँ ने उन्हें सपने में दर्शन देकर इस मंदिर के निर्माण की प्रेरणा दी थी, और सन 2000 में उन्होंने यह मंदिर बनवाकर तैयार किया।
आज यह मंदिर सिर्फ कानपुर ही नहीं, बल्कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आस्था का एक बड़ा केंद्र बन चुका है। नवरात्रि के दिनों में यहाँ की रौनक देखने लायक होती है। अगर आप इस नवरात्रि जम्मू नहीं जा पा रहे हैं, तो कानपुर के इस अनोखे मंदिर में माँ के दर्शन करके अपनी मनोकामनाओं की अर्जी लगा सकते हैं।
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