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Up kiran,Digital Desk : क्या आपको भी सुबह उठते ही एड़ियों में सुई चुभने जैसा दर्द होता है? या फिर घुटनों में हल्की सूजन और जकड़न महसूस होती है? अगर हां, तो जनाब, इसे सिर्फ 'सर्दी का असर' समझकर इग्नोर न करें। यह शरीर में बढ़े हुए यूरिक एसिड (Uric Acid) का संकेत हो सकता है।

दरअसल, हम खाने में जो प्यूरीन (Purine) वाली चीजें जैसे रेड मीट या राजमा-छोले खाते हैं, उन्हें पचाने के बाद शरीर यूरिक एसिड बनाता है। वैसे तो हमारी किडनी इसे छानकर बाहर निकाल देती है, लेकिन जब हम गड़बड़ खाना खाते हैं और किडनी कमजोर पड़ने लगती है, तो यह एसिड खून में जमकर गाउट (Gout) या पथरी का रूप ले लेता है।

लेकिन घबराइए नहीं, कुदरत ने हर समस्या का हल मौसम के हिसाब से दिया है। जानी-मानी आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ. अनीता शर्मा का कहना है कि सर्दियों में आने वाला हरा-भरा 'बथुआ' सिर्फ एक साग नहीं, बल्कि यूरिक एसिड को शरीर से निचोड़कर बाहर निकालने वाली एक असरदार दवा है।

आइए समझते हैं कि यह साधारण सा दिखने वाला साग आखिर काम कैसे करता है।

शरीर का 'नैचुरल सफाई कर्मचारी' है बथुआ

डॉ. अनीता बताती हैं कि बथुआ में गजब की डिटॉक्स पावर होती है। यह फाइबर से भरा होता है, जिससे पेट साफ रहता है और पाचन दुरुस्त होता है। सबसे खास बात यह है कि बथुआ एक प्राकृतिक डाइयूरेटिक (Natural Diuretic) है। आसान भाषा में कहें तो इसे खाने से पेशाब खुलकर आता है, जिससे किडनी को यूरिक एसिड और अन्य टॉक्सिन्स को फिल्टर करके बाहर निकालने में मदद मिलती है। यह जोड़ों में जमे उन जिद्दी क्रिस्टल्स को गलाने में मदद करता है जो दर्द की असली वजह हैं।

दर्द और सूजन पर वार

यूरिक एसिड बढ़ने पर किडनी पर बहुत दबाव पड़ता है। बथुआ में मौजूद पोटैशियम और आयरन किडनी को मजबूती देते हैं। इसके अलावा, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण (सूजन कम करने वाली ताकत) होते हैं। गाउट के मरीजों के लिए तो यह किसी वरदान से कम नहीं है, क्योंकि यह जोड़ों की लालिमा और सूजन को शांत करता है।

कैसे करें बथुए का सही इस्तेमाल? (सिर्फ खाना ही नहीं, लगाना भी है असरदार)

एक्सपर्ट ने इसके इस्तेमाल के तीन बेहतरीन तरीके बताए हैं:

  1. दर्द वाली जगह सिकाई करें: यह नुस्खा बहुत कम लोग जानते हैं। अगर किसी जोड़ में बहुत दर्द है, तो बथुए के पत्तों को स्टीम करके (भाप में पकाकर) एक कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। इस गर्म पोटली से सिकाई करने पर दर्द और सूजन में जादुई आराम मिलता है।
  2. सूप या कढ़ी: बथुए को उबालकर इसका सूप पिएं या फिर दही वाली कढ़ी में मिलाकर खाएं। यह स्वाद और सेहत दोनों के लिए बेस्ट है।
  3. बथुए की रोटी: सबसे आसान तरीका- बथुए को उबालकर, पीसकर आटे में गूंथ लें। इसकी रोटियां या पराठे बनाकर खाएं।

थोड़ी सावधानी भी जरूरी है

बथुआ फायदेमंद है, लेकिन हर चीज की एक सीमा होती है।

  1. इसमें 'ऑक्सलेट' की मात्रा थोड़ी ज्यादा होती है। अगर आपको पहले से किडनी स्टोन (पथरी) की शिकायत है, तो इसे सीमित मात्रा में खाएं या डॉक्टर से पूछ लें।
  2. गर्भवती महिलाओं को भी इसका सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए।
  3. अगर किडनी की कोई गंभीर बीमारी चल रही है, तो बिना डॉक्टरी सलाह के इसे डाइट में शामिल न करें।

तो इस सर्दी, बाज़ार जाएं तो बथुआ जरूर घर लाएं, क्योंकि यह स्वाद के साथ-साथ आपको दर्दरहित सेहत भी देगा।