
Up Kiran, Digital Desk: 22 जून को ईरान ने इज़राइल के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों और बेंजुरियन हवाई अड्डे पर एक साथ कई मिसाइलों और ड्रोन हमलों का आयोजन किया।
सूत्रों के अनुसार ईरान ने अपनी सबसे उन्नत और स्वदेशी मिसाइल प्रणाली खेबर शेकन को तैनात किया। यह हमला उस समय हुआ जब अमेरिका और इज़राइल ने ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर लगातार हमले किए थे। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने इस हमले में खेबर शेकन मिसाइल के इस्तेमाल की पुष्टि की है और इसे इज़राइल के खिलाफ एक बड़े रणनीतिक प्रतिवाद के रूप में बताया है।
इरना समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक IRGC ने कहा कि इस ऑपरेशन में अभी तक सभी सैन्य संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किया गया है जिससे यह संभावना जताई गई कि और भी उन्नत प्रणालियाँ रिजर्व में रखी गई हैं।
"खेबर शेकन" का नाम ऐतिहासिक संदर्भ में है जो 7वीं सदी में अरब और यहूदी समुदायों के बीच खैबर की लड़ाई से जुड़ा है। इसमें इमाम अली ने अहम भूमिका निभाई थी और यही कारण है कि ईरान के लिए यह नाम प्रतीकात्मक महत्व रखता है।
खेबर शेकन मिसाइल की प्रमुख खूबियां जानें
यह मिसाइल ईरान के खोर्रमशहर मिसाइल परिवार की चौथी पीढ़ी का हिस्सा है।
इसकी अधिकतम मारक क्षमता 1450 किलोमीटर तक है।
यह मिसाइल ठोस ईंधन से चलती है जिससे इसे जल्दी लॉन्च किया जा सकता है और इसकी गतिशीलता भी बढ़ जाती है।
मिसाइल का वजन लगभग 1500 किलोग्राम है और इसकी लंबाई चार मीटर के करीब है।
यह वायुमंडल के बाहर 19500 किमी/घंटा तक की गति हासिल कर सकती है जबकि वायुमंडल में यह 9800 किमी/घंटा की गति से चल सकती है।
इसमें उपग्रह-आधारित नेविगेशन और एक नई मार्गदर्शन प्रणाली है जिससे यह अपने लक्ष्य को अधिक सटीकता से हिट करती है।
इस मिसाइल में एक मैन्युवरेबल रीएंट्री व्हीकल (MaRV) भी है जो इसे अपने मार्ग में घुमावदार रास्तों से गुजरने की क्षमता प्रदान करता है ताकि वह अधिक सटीक रूप से अपने लक्ष्य तक पहुँच सके।
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