
kaliyugi stree: मशहूर ग्रंथ गीता में श्रीकृष्ण जी ने कहा था कि परिवर्तन ही सृष्टि का नियम है। और ये वाक्य न केवल समय के बदलाव को बल्कि समाज और जीवन के हर पहलू में होने वाले परिवर्तनों को भी दर्शाते है। यदि हम श्रीकृष्ण की इस सीख को गहराई से समझें, तो पाएंगे कि परिवर्तन का सबसे बड़ा उदाहरण हमारे आसपास होने वाले सामाजिक, सांस्कृतिक और मानसिक बदलावों में है। जैसे-जैसे युग बदलते हैं, वैसे-वैसे मनुष्य का स्वभाव, उसका सोचने का तरीका और उसकी कार्यशैली भी बदल जाती है। आईये जानते हैं श्रीकृष्ण ने कलयुग की स्त्री के बारे में क्या बताया
श्रीकृष्ण ने भविष्यवाणी की थी कि कलियुग में महिलाएं एक-दूसरे की पीड़ा समझने के बजाय उनके ही कष्टों का सबब बनेंगी। वे एक-दूसरे का शोषण करेंगी और समाज में अपनी दबदबा बनाने के लिए गुणवती स्त्रियों का मजाक उड़ाएंगी।
आगे श्रीकृष्ण ने कहा कि कलियुग में स्त्रियां धनहीन पतियों को छोड़ देंगी और केवल धनवान पतियों को प्राथमिकता देंगी। धन-दौलत की चाहत में स्त्रियां पुरुषों के अवगुणों को नजरअंदाज कर, केवल धन के आधार पर रिश्ते बनाएंगी। धन के लिए पति को धोखा देंगी और गैर मर्दों के साथ संबंध बनाएंगी।
उन्होंने आगे ये भी कहा कि स्त्रियां अपने स्वार्थ के लिए पुरुषों के बुरे कार्यों में उनका साथ देंगी। वे मर्दों को सही-गलत की पहचान देने के बजाय उनके गलत कार्यों को बढ़ावा देंगी।
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