
Up Kiran, Digital Desk: दक्षिण कोरिया में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। मंगलवार को एक विशेष जांच टीम ने मुख्य विपक्षी पार्टी 'पीपल पावर पार्टी' (PPP) के सांसद चू क्यूंग-हो के घरों और दफ्तरों पर छापा मारा। उन पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति यून सुक येओल की दिसंबर में मार्शल लॉ लगाने की नाकाम कोशिश में मदद की थी।
यह पूरा मामला उस समय का है, जब चू क्यूंग-हो अपनी पार्टी के सदन नेता थे।
क्या हैं आरोप:जांच टीम इस बात की पड़ताल कर रही है कि 3 दिसंबर की रात को जब पूर्व राष्ट्रपति यून ने मार्शल लॉ का ऐलान किया, तो चू ने अपनी पार्टी के सांसदों की आपातकालीन बैठक की जगह बार-बार क्यों बदली। आरोप है कि उन्होंने ऐसा पूर्व राष्ट्रपति के कहने पर किया था, ताकि उनकी ही पार्टी के सांसद मार्शल लॉ हटाने के लिए होने वाले संसदीय मतदान में हिस्सा न ले सकें।
जगह बार-बार बदलने के कारण PPP के कई सांसद वोटिंग में नहीं पहुँच पाए। नतीजा यह हुआ कि अगली सुबह जब संसद में मार्शल लॉ हटाने का प्रस्ताव पास हुआ, तो PPP के 108 में से सिर्फ़ 18 सांसद ही वहाँ मौजूद थे।
फ़ोन कॉल्स से गहराया शक
जांच टीम को चू और पूर्व राष्ट्रपति यून के बीच हुई फ़ोन कॉल का रिकॉर्ड भी मिला है, जो मार्शल लॉ के ऐलान के ठीक बाद की गई थी। बताया जा रहा है कि यून से बात करने से पहले चू ने राष्ट्रपति के एक वरिष्ठ सहयोगी और तत्कालीन प्रधानमंत्री हान डक-सू को भी फ़ोन किया था।
एक अधिकारी ने बताया, "हान और चू के बीच क्या बात हुई, इसे लेकर पूछताछ की गई है, लेकिन तथ्यों की पुष्टि के लिए अभी और जांच की ज़रूरत है।"
चू क्यूंग-हो की सफ़ाई
वहीं, चू के पक्ष का कहना है कि उन्हें मार्शल लॉ लगाने की योजना के बारे में पहले से कोई जानकारी नहीं थी और न ही उन्होंने सांसदों को वोटिंग से रोकने के बारे में पूर्व राष्ट्रपति से कोई बात की थी।
बैठक की जगह बदलने के पीछे उन्होंने उस समय पार्टी नेतृत्व के साथ हुई ग़लतफ़हमी और मार्शल लॉ के कारण संसद में एंट्री पर लगी पाबंदियों को ज़िम्मेदार ठहराया है।
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