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Up Kiran, Digital Desk: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राघोपुर सीट पर चुनावी सरगर्मी अपने चरम पर है। यह सीट न केवल 3.4 लाख मतदाताओं से सजी है, बल्कि बिहार की सत्ता की दिशा भी तय करती है। ऐतिहासिक महत्व वाली इस सीट पर जीत ही राज्य की राजनीति में अहम बदलाव ला सकती है।

तेजस्वी यादव की चुनौती

राघोपुर की सीट पर चुनावी मैदान में उतरे महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव इस बार तीसरी बार उम्मीदवार बने हैं। उनके लिए यह चुनाव सिर्फ एक सीट नहीं, बल्कि बिहार की दिशा बदलने का अवसर है। तेजस्वी यादव ने नामांकन के दौरान स्पष्ट किया था कि उनका उद्देश्य युवाओं को रोजगार, शिक्षा और सुशासन देना है। उनके इस वादे से युवा मतदाताओं में उम्मीदें जागी हैं, जो उन्हें आकर्षित कर सकती हैं।

यादव वोट बैंक: जीत की कुंजी

राघोपुर क्षेत्र में यादव समुदाय के मतदाताओं की संख्या निर्णायक है। अब तक इस सीट पर कोई भी उम्मीदवार यादवों के समर्थन के बिना जीत नहीं सका है। यही कारण है कि महागठबंधन की पूरी रणनीति यादव वोटों को साधने पर केंद्रित है। इस समुदाय के लोग एक बार फिर अपना राजनीतिक वर्चस्व कायम करने के लिए तैयार हैं, जो नीतीश कुमार के शासनकाल में कुछ कमजोर हुआ था।

सतीश कुमार की वापसी

भा.ज.पा उम्मीदवार सतीश कुमार एक बार फिर तेजस्वी यादव के सामने चुनावी मैदान में हैं। सतीश कुमार ने 2010 में राबड़ी देवी को मात दी थी और अब वह तेजस्वी यादव के खिलाफ मैदान में हैं। उनका कहना है कि तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री रहते हुए राघोपुर के विकास पर ध्यान नहीं दिया। सतीश कुमार का आरोप है कि राघोपुर में विकास तो हुआ नहीं, लेकिन राजनीतिक लाभ का फायदा सिर्फ कुछ परिवारों को मिला। इस बार वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास कार्यों को अपनी चुनावी रणनीति का मुख्य आधार बना रहे हैं।

क्या होगा चुनावी मुकाबला?

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार राघोपुर सीट पर इस बार मुकाबला मुख्यतः तेजस्वी यादव और सतीश कुमार के बीच है। हालांकि जन सुराज पार्टी के चंचल सिंह समेत कुल 12 उम्मीदवार इस सीट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं, लेकिन असली मुकाबला दो दिग्गजों के बीच ही देखा जा रहा है। इन दोनों नेताओं के बीच यह टक्कर सिर्फ राघोपुर की सीट के लिए नहीं, बल्कि बिहार की आगामी राजनीति के लिए भी अहम साबित हो सकती है।

बिहार की राजनीति में राघोपुर का अहम स्थान

राघोपुर सीट का बिहार की राजनीति में हमेशा से खास स्थान रहा है। यह वही सीट है, जहां से पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने विधानसभा पहुंचकर राज्य की राजनीति में प्रभावी भूमिका निभाई थी। अब तेजस्वी यादव इस सीट से अपनी पार्टी का झंडा बुलंद करने की कोशिश कर रहे हैं, और इस बार की जीत उनके राजनीतिक भविष्य का निर्णायक कदम हो सकती है।