kedarnath by election: दिवाली के बाद प्रचार अभियान फिर से शुरू हो गया है, भाजपा और कांग्रेस दोनों ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। दिवाली के त्योहार के दौरान प्रचार गतिविधियां धीमी पड़ गई थीं, मगर अब जब जश्न खत्म हो गया है, तो बड़े पैमाने पर प्रचार अभियान फिर से शुरू होने वाला है। भाजपा सक्रिय रुख अपना रही है, जिसके तहत मंत्री मंगलवार से अपना अभियान फिर से शुरू करने की योजना बना रहे हैं। प्रचार के लिए पांच कैबिनेट मंत्रियों को तैनात किया गया है और सोमवार को घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क करने का कार्यक्रम शुरू होने वाला है। कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा अभियान के अगले चरण का नेतृत्व करेंगे, जबकि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सनातन धर्म को एक प्रमुख चुनावी मुद्दे के रूप में जोर दे रहे हैं।
मतदान 20 नवंबर को होना है, जिससे प्रचार के लिए सिर्फ 15 दिन बचे हैं। 29 अक्टूबर को नामांकन बंद होने के बाद छह उम्मीदवार मैदान में हैं, मगर अब तक कुल मिलाकर प्रचार अभियान अपेक्षाकृत कम रहा है।
कांग्रेस की ओर से राज्य प्रभारी शैलजा कुमार के आने की उम्मीद है, हालांकि तारीख अभी तय नहीं हुई है। दो सह-प्रभारी, सुरेंद्र शर्मा और परगट सिंह, नामांकन के दिन से ही संचालन का प्रबंधन कर रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने 5 नवंबर से केदारनाथ क्षेत्र में प्रचार करने की योजना की घोषणा की है, मगर छुट्टियों के बाद पार्टी का अभियान धीमा पड़ गया है।
विशेष रूप से बद्रीनाथ और मंगलौर में पिछले उपचुनावों का संदर्भ दिया गया है, जिसमें उन चुनावों में कांग्रेस के राज्य प्रभारियों की सीमित भागीदारी पर प्रकाश डाला गया है। बद्रीनाथ में राज्य प्रभारी का कोई दौरा नहीं हुआ, और मंगलौर में उनकी उपस्थिति केवल दो घंटे तक सीमित थी।
वर्तमान में भाजपा का अभियान धीरे-धीरे गति पकड़ रहा है, जबकि कांग्रेस के नेता छुट्टी के मूड से बाहर निकलते दिख रहे हैं। 10 नवंबर के बाद स्टार प्रचारकों के मैदान में उतरने की उम्मीद है, और घर-घर जाकर प्रचार करना एक महत्वपूर्ण रणनीति बन रही है। कुल मिलाकर कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है।
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