
Up Kiran, Digital Desk: साल 2014 में नरेंद्र मोदी ने भारत के प्रधानमंत्री का पदभार संभाला। इसके बाद उन्होंने विदेश नीति में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए और पड़ोसी देशों से रिश्ते बेहतर करने की पूरी कोशिश की। लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और भारत में हुए कई आतंकी हमलों में उसका हाथ रहा। इसके जवाब में प्रधानमंत्री मोदी ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान को सबक सिखाने की योजना बनाई। उनके नेतृत्व में भारत ने अब तक तीन बार पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए आतंक की कमर तोड़ी है। हाल ही में पहलगाम हमले का बदला भी भारत ने एयर स्ट्राइक के जरिए लिया है। प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को यह स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत अब आतंक का दर्द नहीं सहेगा, बल्कि घर में घुसकर आतंकियों का सफाया करेगा।
1. उरी सर्जिकल स्ट्राइक (2016)
सितंबर 2016 में, जैश-ए-मोहम्मद के चार आतंकी भारतीय सेना के उरी कैंप में घुस आए और सोते हुए जवानों पर हमला कर दिया। इस कायरतापूर्ण हमले में भारत के 18 जवान शहीद हो गए थे। जवाबी कार्रवाई में स्पेशल फोर्सेज़ ने चारों आतंकियों को मार गिराया।
इसके तुरंत बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सितंबर 2016 में ही सीमा पार आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की। भारतीय सैनिकों ने नियंत्रण रेखा (LoC) के पार लगभग तीन किलोमीटर अंदर जाकर सात आतंकी लॉन्चपैड को तबाह कर दिया। सेना ने बताया था कि इस ऑपरेशन में उन आतंकवादियों को भारी नुकसान पहुँचाया गया जो भारतीय सीमा में घुसपैठ की फिराक में थे, और कई आतंकी मारे गए। इस कार्रवाई से दुनिया ने भारतीय सैनिकों की ताकत का लोहा माना। भारतीय सेना ने खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस सर्जिकल स्ट्राइक की जानकारी दी थी।
2. बालाकोट एयर स्ट्राइक (2019)
फरवरी 2019 में, जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों ने CRPF के काफिले पर आत्मघाती हमला किया। इस भीषण हमले में 40 से अधिक जवान शहीद हो गए, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया।
इसके जवाब में, 26 फरवरी 2019 की सुबह लगभग 3:30 बजे, भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (LoC) पार की और पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों को नेस्तनाबूद कर दिया। जब भारतीय विमानों ने सफलतापूर्वक इस ऑपरेशन को अंजाम दिया, तो पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई। इस दौरान भारतीय पायलट अभिनंदन वर्धमान पाकिस्तान की सीमा में पहुँच गए थे और उन्हें बंदी बना लिया गया था, लेकिन भारत के कूटनीतिक दबाव के चलते पाकिस्तान को उन्हें सकुशल रिहा करना पड़ा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कूटनीति की अहम भूमिका रही।
3. ऑपरेशन सिंदूर (हालिया)
22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में घूमने गए पर्यटकों पर हमला किया और 26 निर्दोष लोगों की हत्या कर दी। इसके बाद भारत ने कड़े कदम उठाते हुए सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया, अटारी बॉर्डर बंद कर दिया और पाकिस्तानी नागरिकों को तुरंत देश छोड़ने के आदेश दिए। इसके चलते भारत और पाकिस्तान के संबंधों में तनाव चरम पर पहुँच गया। पाकिस्तान की ओर से एटम बम की गीदड़भभकी भी दी गई। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता बिलावल भुट्टो ने तो यहाँ तक कह दिया कि सिंधु नदी उनकी है और दरिया में या तो पानी बहेगा या उनका खून।
इन सबके बीच, भारत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शांति और दृढ़ता से योजना बनाई और पाकिस्तान को उसकी हरकतों का आईना दिखाया। इसी दौरान, नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करने हेतु गृह मंत्रालय ने देश में मॉक ड्रिल भी आयोजित करवाईं। फिर, 7 मई को (हाल ही में) भारत ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की। इस 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारत ने आतंकी संगठन लश्कर और जैश के आतंक के अड्डों को ध्वस्त कर दिया और पाकिस्तान को एक और करारा जवाब दिया। भारत ने स्पष्ट किया कि इस कार्रवाई में किसी भी पाकिस्तानी नागरिक या सैन्य ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया, केवल आतंकी ठिकानों को ही नष्ट किया गया।
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