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मोटापा, वजन बढ़ना, चिड़चिड़ापन या बार-बार बीमार पड़ना आम शिकायत बन गई है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इसके पीछे बेरोजगारी की गड़बड़ी भी हो सकती है? नारियल एक छोटा सी ग्रंथि जरूर है, लेकिन इसका रोल हमारे शरीर में बहुत बड़ा है।

गले के सामने वाले हिस्सों में यह मौजूद है, शरीर में दो अत्यंत आवश्यक हार्मोन- T3 (ट्राईआयोडोथायरोनिन) और T4 (थायरोक्सिन)- जारी होते हैं, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म, स्तर, ऊर्जा स्तर और वजन को नियंत्रित करते हैं।

कहां होता है और यह जरूरी क्यों है?

आयुर्वेद ग्रंथी कंठनली (ट्रेकिआ) के ठीक नीचे है और इसका काम शरीर की हर छोटी-बड़ी प्रक्रिया को क्रम में रखना है। रीढ़ की हड्डी में वजन नियंत्रण हो, ऊर्जा स्तर, हार्मोन की मात्रा या त्वचा और बालों की स्थिति - सब कुछ इस सिद्धांत पर अनुमोदित है।

नारियल के दो प्रकार और उनके लक्षण

नारियल से जुड़ी दो सैद्धांतिक बातें सामने आती हैं: हाइपोथायरायडिज्म (हाइपोथायरायडिज्म) और हाइपरथायरायडिज्म (हाइपरथायरायडिज्म)। दोनों में स्टेरॉयड हार्मोन का नाम तो होता है, लेकिन लक्षण और प्रभाव अलग-अलग होते हैं।

 हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन की कमी)
शरीर में T3 और T4 हार्मोन की कमी हो जाती है। इसके लक्षण धीरे-धीरे प्रकट होते हैं:

                                                                                                                                                                                       हर थकान और सुस्ती

                                                                                                                                                                                      वजन का अचानक बदल जाना

   स्कार्फ का ड्राय होना और बालों का स्कार्फ होना

  कब्ज की समस्या

  ठंड ज्यादा लगना

मूड्स और अवसाद

महिलाओं के होटल में होटल

    हाइपरथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन की अधिकता)
इसमें अपवित्र हार्मोन का स्तर आवश्यकता से अधिक बढ़ जाता है:

                                                                                                                                                                        अचानक हो गया

तेज़ नज़र और दिल की धड़कन

अधिक खाना आना

चिंता और परेशानी

नींद न आना

भूख बढ़ना

होटल में बदलाव

महिलाओं में सबसे ज्यादा क्यों होता है कबाड़?

महिलाओं में बदलावों से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं—चाहे वो प्रेग्नेंसी हो, रेस्तरां या मेनोपॉज। इसके अलावा तनाव, खराब जीवनशैली और अनियमित स्थिति से भी बेरोजगारी का खतरा बढ़ जाता है। यही कारण है कि महिलाओं में कचरे के मामले पुरुषों की तुलना में गुना अधिक होते हैं।

जहर परीक्षण और इलाज: न ​​करें!

अगर आपको नामांकित नामांकन में से कोई भी लंबे समय से महसूस नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से सामूहिक रूप से शामिल टेस्ट करवाएं। एक सिंपल ब्लड टेस्ट-टीएसएच, टी3 और टी4-से पता चलता है कि नाममात्र का नाम है या नहीं।

इलाज में आम तौर पर मतभेद और जीवनशैली में बदलाव की सलाह दी जाती है। और हां, सिगरेट को कंट्रोल में रखकर जीवन भर के लिए अचल संपत्ति का हिस्सा बनाया जा सकता है, इसलिए इसे सिगरेट में भारी मात्रा में रखा जाता है।

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