_307779132.png)
Up Kiran, Digital Desk: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में वन विभाग ने एक खतरनाक बाघ को पकड़ने में सफलता हासिल की है। यह बाघ नरनी गांव से करीब 300 मीटर दूर महोली इलाके में पाया गया था। बाघ की निकटता से ग्रामीणों में भय व्याप्त था क्योंकि यह जानवर मानव बस्तियों के बेहद करीब खतरनाक तरीके से घूम रहा था।
22 अगस्त को इस बाघ पर एक स्थानीय युवक के साथ हमला हुआ था, जिसमें उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में दहशत और बढ़ गई। स्थानीय लोगों का मानना है कि पकड़ा गया बाघ वही आदमखोर बाघ है, लेकिन वन विभाग ने इसे अभी तक आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं की है।
2025 में अब तक कुल दो बाघ और एक बाघिन वन विभाग द्वारा पकड़े जा चुके हैं। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि दो शावक अभी भी इलाके में घूम रहे हैं, जिससे खतरा अभी टला नहीं है। जिला वन अधिकारी नवीन खंडेलवाल ने बताया कि इलाके में निगरानी जारी है।
महोली क्षेत्र, जो पीलीभीत के घने जंगलों से सटा है, वन्यजीवों और मानव बस्तियों के बीच संघर्ष का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। बाघ जंगल से भटककर मानवीय क्षेत्र में आने लगे हैं, जिससे सुरक्षा की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं।
कई महीनों से बाघों की मौजूदगी के कई मामले सामने आ रहे हैं। अगस्त में हुई युवक की मौत के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया था। लेकिन विभाग ने आखिरकार सक्रिय कार्रवाई की।
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान से आए विशेषज्ञ डॉ. दयाशंकर के नेतृत्व में एक टीम ने नरनी गांव के पास एक निगरानी चौकी लगाई। बाघ को पकड़ने के लिए जाल में जीवित चारा रखा गया। जब बाघ चारे के पास आया, तो ट्रैंक्विलाइज़र गन से उसे बेहोश कर लिया गया।
बाघ पकड़े जाने के बाद आसपास के गांवों से बड़ी संख्या में लोग देखने आए। बाघ जब होश में आया, तो वह जोर-जोर से गुर्राया, लेकिन पिंजरे में वह पूरी तरह से असहाय था। इसके बाद वन विभाग ने उसे सुरक्षित स्थान पर ले जाया।
डीएफओ नवीन खंडेलवाल ने बताया कि पकड़ा गया बाघ लगभग छह साल का और 220 किलो के करीब है। कुछ ही दिन पहले इसी क्षेत्र से एक बाघिन भी पकड़ी गई थी। 26 मई को नरनी से 40 किलोमीटर दूर एक और बाघ पकड़ा गया था।