Up Kiran, Digital Desk: हरिद्वार के ज्वालापुर इलाके में आज कुछ अलग ही नजवाब माहौल दिखा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के हुक्म पर ज्वालापुर थाना की पूरी टीम उन घरों में पहुंच गई जहाँ सिर्फ बुजुर्ग अकेले रहते हैं।
पुलिस वाले दरवाजा खटू डोर गए। सबसे पहले पैर छूकर हालचाल पूछा। फिर चाय पिलवाई और बैठकर ढेर सारी बातें की। बुजुर्गों की आँखें भर आईं जब पुलिस ने कहा कि अब आप अकेले नहीं हैं, हम आपके अपने बच्चे हैं हम।
टीम ने सबसे पहले साइबर ठगों और डिजिटल अरेस्ट के बारे में समझाया। बोले कि कोई अनजान नंबर से फोन आए और खुद को पुलिस या बैंक वाला बताए तो बिल्कुल न डरें। फोन काट दें और तुरंत चेतक मोबाइल या थाने पर कॉल करें।
हर बुजुर्ग को इलाके के चेतक पुलिसकर्मी का नंबर, थानाध्यक्ष का नंबर और कंट्रोल रूम का नंबर लिखकर दिया गया। कहा गया कि चाहे घर में झगड़ा हो, कोई परेशान करे या कोई ठगी की कोशिश करे, एक फोन करेंगे तो पुलिस दौड़ी चली आएगी।
एक बुजुर्ग दादी ने तो पुलिस वालों का हाथ पकड़कर रोते हुए कहा, “बेटा आज 15 साल बाद किसी ने मेरे घर आकर मेरी सुध ली है।”
ज्वालापुर पुलिस की इस मुहिम को देखकर मोहल्ले के युवा भी साथ हो लिए। सब कह रहे हैं कि अब हमारे बाबा-दादी पूरी तरह सुरक्षित हैं।
सच में पुलिस जब दिल से काम करती है तो यही नजारा होता है।
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