
Up Kiran, Digital Desk: आजादी के 75 साल बाद आखिरकार वो दिन आ ही गया, जिसका मिजोरम को बेसब्री से इंतजार था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बैराबी-साइरांग रेलवे लाइन का उद्घाटन कर इतिहास रच दिया है। इस 51.38 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के साथ, मिजोरम की राजधानी आइजोल अब सीधे भारतीय रेलवे के विशाल नेटवर्क से जुड़ गई है।
यह सिर्फ एक रेलवे लाइन नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य पूर्वोत्तर के राज्यों को देश के बाकी हिस्सों के साथ मजबूती से जोड़ना और वहां विकास की रफ्तार को तेज करना है।
इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना
यह प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग के लिहाज से किसी चमत्कार से कम नहीं है। दुर्गम पहाड़ी इलाकों को चीरकर बनाई गई इस रेलवे लाइन में:
55 बड़े और 87 छोटे पुल हैं।
लगभग 12.6 किलोमीटर लंबी सुरंगें हैं।
साइरांग स्टेशन को आइजोल शहर के पास ही बनाया गया है, ताकि राजधानी के लोगों को इससे सीधी कनेक्टिविटी मिल सके। इस प्रोजेक्ट की नींव खुद प्रधानमंत्री मोदी ने 2016 में रखी थी।
क्या बदलेगा इस रेल लाइन से?
इस ऐतिहासिक शुरुआत से मिजोरम के लोगों के जीवन में एक बड़ा और सकारात्मक बदलाव आने की उम्मीद है।
आसान होगा सफर: अब तक जहां लोगों को सड़क मार्ग से लंबा और थका देने वाला सफर करना पड़ता था, वहीं अब ट्रेन से यात्रा आसान, सस्ती और आरामदायक हो जाएगी।
पर्यटन को मिलेंगे पंख: मिजोरम अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। ट्रेन की सीधी कनेक्टिविटी होने से यहां पर्यटकों का आना-जाना बढ़ेगा, जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
व्यापार को मिलेगी गति: सामान की ढुलाई सस्ती और तेज होगी, जिससे यहां के किसानों और व्यापारियों को अपना माल देश के दूसरे हिस्सों में भेजने में आसानी होगी और राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।