Up Kiran, Digital Desk: कैंसर, एक ऐसा शब्द जिसे सुनते ही मन में एक डर सा बैठ जाता है। हम सब जानते हैं कि स्मोकिंग या तंबाकू जैसी बुरी आदतें कैंसर का सीधा कारण बनती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कई ऐसी 'छोटी-छोटी' और 'मामूली' सी लगने वाली आदतें हैं, जो धीरे-धीरे हमारे शरीर में कैंसर का खतरा बढ़ा रही हैं?
हमइन आदतों पर ध्यान भी नहीं देते, क्योंकि ये हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुकी हैं। पर आज यह जानना बहुत जरूरी है कि ये आदतें कौन सी हैं, ताकि हम समय रहते खुद को और अपने परिवार को इस जानलेवा बीमारी से बचा सकें।
चलिएजानते हैं उन 5 आदतों के बारे में, जिन्हें आपको आज और अभी से बदलने की जरूरत है।
1. घंटोंतकएकहीजगहपरबैठेरहना
चाहेऑफिस में कुर्सी पर बैठकर काम करना हो या घर पर सोफे पर लेटकर टीवी देखना, अगर आप घंटों तक एक ही जगह पर बिना हिले-डुले बैठे रहते हैं, तो आप अनजाने में कैंसर को न्योता दे रहे हैं। हमारा शरीर चलने-फिरने और एक्टिव रहने के लिए बना है, बैठने के लिए नहीं।
जबहम लगातार बैठे रहते हैं, तो शरीर में इंसुलिन का स्तर बढ़ जाता है और कई हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है। कई स्टडीज में यह बात साफ हो चुकी है कि लंबे समय तक बैठे रहने की आदत बड़ी आंत (Colon), फेफड़ों (Lung) और महिलाओं में गर्भाशय (Endometrial) के कैंसर के खतरे को बढ़ाती है।
क्या करें: हर घंटे में कम से कम 5 मिनट का ब्रेक लें। थोड़ा टहलें, स्ट्रेचिंग करें या बस खड़े हो जाएं। लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
2. कमपानीपीनेकीआदत
पानीपीना कितना जरूरी है, यह हम सब बचपन से सुनते आए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कम पानी पीना भी कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है? पानी हमारे शरीर से जहरीले और बेकार पदार्थों (Toxins) को बाहर निकालने का काम करता है। जब हम कम पानी पीते हैं, तो ये टॉक्सिन्स हमारे शरीर में, खासकर ब्लैडर (मूत्राशय) में जमा होने लगते हैं। लंबे समय तक ऐसा होने से ब्लैडर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
क्या करें: दिन भर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। अपने साथ हमेशा पानी की बोतल रखें ताकि आपको याद रहे।
3. प्लास्टिककाअंधाधुंधइस्तेमाल
आजहमारी जिंदगी प्लास्टिक से घिरी हुई है। पानी की बोतल से लेकर खाने के डिब्बे तक, सब कुछ प्लास्टिक का है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जब प्लास्टिक, खासकर सस्ते और खराब क्वालिटी वाले प्लास्टिक को गर्म किया जाता है, तो उसमें से BPA जैसे खतरनाक केमिकल निकलते हैं। ये केमिकल जब खाने के जरिए हमारे शरीर में जाते हैं, तो ये हॉर्मोन्स का संतुलन बिगाड़ सकते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं। माइक्रोवेव में प्लास्टिक के बर्तनों में खाना गर्म करना सबसे खतरनाक आदतों में से एक है।
क्या करें: प्लास्टिक की जगह कांच, स्टील या सिरेमिक के बर्तनों का इस्तेमाल करें। कभी भी प्लास्टिक के कंटेनर में खाना माइक्रोवेव न करें। पानी पीने के लिए भी स्टील या तांबे की बोतल का इस्तेमाल करें।
4. नींदकोनजरअंदाजकरना
आजकी 'हसल कल्चर' वाली दुनिया में हम अक्सर अपनी नींद से समझौता कर लेते हैं। देर रात तक जागना, 5-6 घंटे से कम सोना... यह सब हमें 'कूल' लग सकता है, लेकिन यह हमारे शरीर के लिए बहुत खतरनाक है। जब हम सोते हैं, तो हमारा शरीर खुद को रिपेयर करता है और हमारी इम्युनिटी यानी बीमारियों से लड़ने की ताकत मजबूत होती है। नींद की कमी हमारी इम्युनिटी को कमजोर कर देती है, जिससे शरीर कैंसर जैसी खतरनाक कोशिकाओं से ठीक से लड़ नहीं पाता।
क्या करें: हर रोज 7-8 घंटे की गहरी और अच्छी नींद जरूर लें। सोने से पहले मोबाइल और लैपटॉप को दूर रख दें।
5. प्रोसेस्डऔरपैक्डखानेपरनिर्भरता
चिप्स, बिस्कुट, इंस्टेंट नूडल्स, कोल्ड ड्रिंक्स और प्रोसेस्ड मीट (जैसे सॉसेज, सलामी)... ये चीजें खाने में भले ही स्वादिष्ट लगती हों, लेकिन इनमें भारी मात्रा में प्रिजर्वेटिव्स, आर्टिफिशियल रंग और खतरनाक केमिकल्स होते हैं। ये केमिकल्स हमारे पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं और खासकर बड़ी आंत (Colon) के कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं।
क्या करें: पैकेट वाले खाने की जगह घर का बना ताजा और पौष्टिक खाना खाएं। अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करें।
यहसच है कि कैंसर होने के कई कारण हो सकते हैं, जिन पर हमारा कंट्रोल नहीं होता। लेकिन हमारी जीवनशैली हमारे हाथ में है। इन छोटी-छोटी आदतों को बदलकर हम इस जानलेवा बीमारी के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं




