Up Kiran, Digital Desk: लिवर कैंसर... यह एक ऐसा नाम है जिसे सुनते ही ज्यादातर लोगों के मन में डर और ना-उम्मीदी घर कर जाती है। इस बीमारी को लेकर हमारे समाज में इतनी गलत धारणाएं और आधे-अधूरे सच फैले हुए हैं कि लोग सही जानकारी से ज्यादा मिथकों पर यकीन कर लेते हैं। यह अधूरी जानकारी बेहद खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि यह लोगों को सही समय पर डॉक्टर के पास जाने से रोकती है।
तो चलिए, आज उन 5 सबसे बड़े मिथकों का पर्दा उठाते हैं जो लिवर कैंसर को लेकर फैले हुए हैं और जानते हैं कि आखिर सच्चाई क्या है।
मिथक 1: लिवर कैंसर सिर्फ बहुत ज्यादा शराब पीने वालों को होता है।
सच: यह लिवर कैंसर से जुड़ा सबसे बड़ा और सबसे खतरनाक मिथक है। इसमें कोई शक नहीं कि बहुत ज्यादा शराब पीना लिवर के लिए जहर है और यह लिवर सिरोसिस और कैंसर का एक मुख्य कारण है। लेकिन, यह मानना कि अगर आप शराब नहीं पीते तो आप पूरी तरह सुरक्षित हैं, एक बहुत बड़ी गलती है।
सच यह है कि लिवर कैंसर के कई और भी बड़े कारण हैं, जैसे:
हेपेटाइटिस बी और सी: ये वायरल इन्फेक्शन लिवर में लंबे समय तक सूजन पैदा करते हैं, जो आगे चलकर कैंसर का रूप ले सकते हैं।
फैटी लिवर: गलत खान-पान और खराब लाइफस्टाइल की वजह से होने वाली यह बीमारी अब लिवर कैंसर का एक बड़ा कारण बनती जा रही है।
मोटापा और डायबिटीज: ये दोनों स्थितियां भी लिवर कैंसर के खतरे को काफी हद तक बढ़ा देती हैं।
मिथक 2: अगर लिवर कैंसर हो गया, तो इसका कोई इलाज नहीं है।
सच: यह बात आज के समय में पूरी तरह से सच नहीं है। यह सच है कि यह एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसका कोई इलाज नहीं है। मेडिकल साइंस ने बहुत तरक्की कर ली है। अगर बीमारी का पता शुरुआती स्टेज में चल जाए, तो इसका इलाज पूरी तरह से संभव है।
आजकल लिवर कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, लिवर ट्रांसप्लांट, कीमोथेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसे कई कारगर विकल्प मौजूद हैं। सबसे जरूरी है कि बीमारी का पता सही समय पर चले।
मिथक 3: जब तक कोई लक्षण न दिखे, तब तक चिंता की कोई बात नहीं।
सच: लिवर कैंसर को एक 'साइलेंट' यानी 'शांत' बीमारी कहा जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि शुरुआती स्टेज में इसके कोई खास लक्षण दिखाई नहीं देते। जब तक पीलिया, पेट में दर्द या सूजन, और वजन घटने जैसे लक्षण दिखने शुरू होते हैं, तब तक अक्सर बीमारी काफी बढ़ चुकी होती है। इसलिए, अगर आप हाई-रिस्क कैटेगरी में आते हैं (जैसे आपको फैटी लिवर, हेपेटाइटिस या डायबिटीज है), तो बिना लक्षण के भी नियमित रूप से अपने लिवर की जांच करवाते रहना बेहद जरूरी है।
मिथक 4: लिवर कैंसर छूने या साथ रहने से फैलता है।
सच: यह बिल्कुल गलत है। कैंसर कोई संक्रामक बीमारी नहीं है। यह सर्दी-खांसी या फ्लू की तरह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। आप लिवर कैंसर के मरीज के साथ बिना किसी डर के खाना खा सकते हैं, रह सकते हैं और उसकी देखभाल कर सकते हैं। हां, यह जानना जरूरी है कि लिवर कैंसर के कुछ कारण, जैसे हेपेटाइटिस बी और सी, संक्रमित खून या शारीरिक संबंधों से फैल सकते हैं, लेकिन खुद कैंसर नहीं।
मिथक 5: मैं बिल्कुल हेल्दी लाइफस्टाइल जीता हूं, मुझे कैंसर नहीं हो सकता।
सच: एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना, जिसमें अच्छा खान-पान और एक्सरसाइज शामिल है, लिवर कैंसर सहित कई बीमारियों के खतरे को काफी कम कर देता है। लेकिन यह इस बात की 100% गारंटी नहीं है कि आपको यह बीमारी नहीं हो सकती। जेनेटिक (आनुवंशिक) कारण और कुछ दूसरे फैक्टर भी इसमें भूमिका निभा सकते हैं, जिन पर हमारा कोई कंट्रोल नहीं होता। इसलिए, एक स्वस्थ जीवनशैली के साथ-साथ जागरूकता और नियमित जांच भी उतनी ही जरूरी है।
डर और गलत जानकारी से बड़ी कोई बीमारी नहीं है। इसलिए, सुनी-सुनाई बातों पर यकीन करने की बजाय, सही जानकारी अपनाएं और अपने लिवर का ध्यान रखें।
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