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Up Kiran, Digital Desk: जब भी डायबिटीज यानी मधुमेह की बात होती है, तो हमारे दिमाग में तुरंत तीन चीजें आती हैं- ब्लड शुगर, इंसुलिन और मीठे पर कंट्रोल. हम सब यही जानते हैं कि ज्यादा मीठा खाने और खराब लाइफस्टाइल से यह बीमारी होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके पेट के अंदर की दुनिया, यानी आपकी आंतों का स्वास्थ्य (Gut Health) भी आपकी शुगर लेवल को कंट्रोल करने में एक सुपरहीरो जैसी भूमिका निभा सकता है?

यह डायबिटीज और पेट का वो कनेक्शन है, जिसके बारे में बहुत कम बात होती है, जबकि यह इस बीमारी को समझने और उससे लड़ने का एक नया और शक्तिशाली तरीका हो सकता है.

आखिर क्या है यह 'पेट का स्वास्थ्य' 

पेट का स्वास्थ्य या 'गट हेल्थ' का मतलब सिर्फ अच्छे पाचन से कहीं ज्यादा है. हमारी आंतों में करोड़ों-अरबों छोटे-छोटे बैक्टीरिया और सूक्ष्मजीव रहते हैं, जिन्हें 'गट माइक्रोबायोम' (Gut Microbiome) कहते हैं. आप इसे अपने पेट के अंदर का एक छोटा सा बगीचा समझ सकते हैं, जिसमें अच्छे और बुरे, दोनों तरह के कीटाणु होते हैं.

जब तक इस बगीचे में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या ज्यादा रहती है, तब तक सब ठीक रहता है. ये अच्छे बैक्टीरिया खाना पचाने, जरूरी विटामिन बनाने और हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में मदद करते हैं. लेकिन जैसे ही खराब खान-पान, तनाव या एंटीबायोटिक दवाओं के कारण बुरे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ जाती है, असली समस्या वहीं से शुरू होती है.

कैसे आपके पेट की गड़बड़ी डायबिटीज को दावत देती है?

वैज्ञानिकों का मानना है कि पेट का स्वास्थ्य और डायबिटीज, खासकर टाइप-2 डायबिटीज, एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं.

सूजन (Inflammation): जब आंतों में बुरे बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, तो वे पूरे शरीर में एक हल्की लेकिन लगातार सूजन पैदा करते हैं. यह सूजन शरीर की कोशिकाओं के लिए इंसुलिन का सही इस्तेमाल करना मुश्किल बना देती है. इस स्थिति को 'इंसुलिन रेजिस्टेंस' कहते हैं, जो टाइप-2 डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण है. आपका शरीर इंसुलिन तो बना रहा होता है, लेकिन शरीर की कोशिकाएं उसे ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पातीं, जिससे खून में शुगर का लेवल बढ़ने लगता है.

'लीकी गट' (Leaky Gut): एक अस्वस्थ आंत की दीवारें कमजोर और 'लीक' करने वाली हो जाती हैं. इससे अधपचा भोजन और हानिकारक टॉक्सिन्स खून में मिलने लगते हैं. जब ये टॉक्सिन्स खून में फैलते हैं, तो शरीर का इम्यून सिस्टम उन पर हमला करता है, जिससे सूजन और बढ़ जाती है और इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या गंभीर हो जाती है.

तो क्या करें? पेट को दोस्त बनाकर डायबिटीज को कैसे हराएं?

अच्छी खबर यह है कि आप अपने खान-पान में कुछ साधारण बदलाव करके अपने पेट के 'बगीचे' को फिर से हरा-भरा कर सकते हैं और डायबिटीज के खिलाफ एक मजबूत ढाल तैयार कर सकते हैं.

फाइबर को दोस्त बनाएं: हरी सब्जियां, फल, सलाद, साबुत अनाज (जैसे ओट्स, दलिया, ब्राउन राइस) खाएं. फाइबर इन अच्छे बैक्टीरिया का पसंदीदा भोजन है. इसे 'प्री-बायोटिक्स' कहते हैं.

दही और अचार खाएं: दही, छाछ, किमची, कांजी और घर के बने अचार जैसी फर्मेंटेड चीजों में 'प्रो-बायोटिक्स' यानी अच्छे बैक्टीरिया होते हैं. ये आपकी आंतों में अच्छे सैनिकों की संख्या बढ़ाते हैं.

प्रोसेस्ड फूड और चीनी से दूरी: मैदा, चीनी, डिब्बाबंद जूस और फ्राइड फूड बुरे बैक्टीरिया को दावत देते हैं. इनसे जितना हो सके, दूर रहें.

तनाव कम करें और नींद पूरी लें: तनाव और नींद की कमी भी आपके गट माइक्रोबायोम के संतुलन को बिगाड़ सकती है.

संक्षेप में, अगली बार जब आप अपनी डायबिटीज के बारे में सोचें, तो सिर्फ प्लेट में रखी चीनी पर ही नहीं, बल्कि अपने पेट के अंदर पल रहे उन करोड़ों दोस्तों पर भी ध्यान दें. उन्हें स्वस्थ रखें, और वे आपको स्वस्थ रखने में पूरी मदद करेंगे.