यह तो हम सभी अच्छे से जानते हैं कि भगवान श्री राम का हनुमान जी से बहुत गहरा रिश्ता है। रामायण में भी हम भगवान राम और बजरंगबली के रिश्ते की झलक साफ देख सकते हैं। हनुमान जी को भगवान राम बहुत प्रिय हैं और अगर आप इस दिवाली भगवान राम के दर्शन करना चाहते हैं तो आपको बजरंगबली के इस मंदिर में जरूर जाना चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि जहां हनुमान जी होते हैं, वहां श्री राम अवश्य निवास करते हैं। ये तो हम सभी अच्छे से जानते हैं कि हनुमान जी के रोम-रोम में भगवान राम का वास है। इसके साथ ही हनुमान जी भगवान राम को सबसे प्रिय रहे हैं, इसीलिए अगर आप भी इस दिवाली भगवान राम को प्रसन्न करना चाहते हैं तो एक बार हनुमान जी के इस मंदिर में दर्शन करने जरूर जाएं. इस मंदिर में हनुमान जी की एक मूर्ति है। इसे देखकर आपको ऐसा लगेगा मानो वह उल्टा लटका हुआ है। आइये इस लेख के माध्यम से इस मंदिर के बारे में विस्तार से जानते हैं -
*कहां मौजूद है यह मंदिर:
आपको बता दें कि यह मंदिर इंदौर से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर सांवेर में स्थित है। अगर आप इस मंदिर के दर्शन के लिए जा रहे हैं तो इंदौर से यहां पहुंचने में आपको लगभग 3 घंटे का समय लग सकता है। इस मंदिर में बजरंगबली साहब के बाल उल्टे खड़े हैं। यह मंदिर मध्य प्रदेश का बहुत प्रसिद्ध मंदिर माना जाता है । आपको बता दें कि इस मंदिर में सिर्फ हनुमान जी ही नहीं बल्कि भगवान श्री राम और माता सीता, लक्ष्मण और शिव पार्वती की भी मूर्तियां मौजूद हैं। कहा जाता है कि यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां हनुमान जी के ऐसे रूप की पूजा की जाती है।
*मंदिर का इतिहास:
1. कहा जाता है कि यह मंदिर राम, रावण और अहिरावण के बीच हुए युद्ध से जुड़ा है। इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। ऐसा माना जाता है कि एक बार रावण से युद्ध के दौरान रावण का भाई अहिरावण भगवान राम का रूप धारण कर युद्ध के दौरान श्री राम की सेवा में आ गया था। और इसके बाद यहीं से अहिरावण ने भगवान राम और भाई लक्ष्मण को बेहोश कर पाताललोक ले गया था, जिसके बाद जब बजरंगबली को इस बात का पता चला तो उन्होंने समझा कि रावण उन्हें पाताललोक ले गया होगा। इसके बाद वे तुरंत पाताल लोक पहुंचे और अहिरावण का वध करके भगवान राम और लक्ष्मण जी को वापस ले आये।
2. आपको बता दें कि यहां रहने वाले लोगों का मानना है कि शाम वही स्थान है जहां से बजरंगबली पाताल लोक गए थे, उस समय बजरंगबली आसमान की ओर थे और उनका सिर जमीन की ओर था, इसीलिए ऐसी मूर्ति है यहां बजरंगबली का मंदिर बनाया गया है।
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