Up kiran,Digital Desk : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 8 दिसंबर को होने वाली झारखंड मंत्रिमंडल की बैठक पर पूरे राज्य की निगाहें टिकी हैं। प्रोजेक्ट भवन में होने वाली यह बैठक कई मायनों में अहम मानी जा रही है, जिसमें सबसे बड़ा और प्रतीक्षित फैसला पेशा कानून (PESA Act) को लेकर हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में 15 से 20 एजेंडों पर चर्चा होने की संभावना है, जो राज्य की नीतिगत दिशा तय करेंगे।
आदिवासी स्वशासन का रास्ता खोलेगा PESA कानून
इस कैबिनेट बैठक का सबसे प्रमुख एजेंडा पेशा कानून के नियमों को लागू करने का प्रस्ताव माना जा रहा है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) लंबे समय से इस कानून को लागू करने की वकालत करता रहा है। यदि कैबिनेट में इस पर मुहर लगती है, तो यह राज्य के लिए एक ऐतिहासिक कदम होगा।
- क्या होगा फायदा: पेशा कानून लागू होने से राज्य के आदिवासी बहुल यानी अनुसूचित क्षेत्रों में स्वशासन को मजबूती मिलेगी। ग्राम सभाओं को जल, जंगल और जमीन से जुड़े मामलों में अधिक अधिकार प्राप्त होंगे, जिससे स्थानीय स्तर पर शासन में आदिवासियों की सीधी भागीदारी सुनिश्चित होगी।
विकास और प्रशासनिक सुधारों पर भी होंगे फैसले
पेशा कानून के अलावा, कैबिनेट की इस बैठक में कई अन्य विकास परियोजनाओं पर भी मुहर लग सकती है। इनमें ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का विकास, सड़क निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े प्रस्ताव शामिल हो सकते हैं।
इसके अलावा, सरकार प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को मजबूती देने के उद्देश्य से कुछ नई नीतियों पर भी विचार कर सकती है। यह बैठक विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान हो रही है, जहां 8 दिसंबर को अनुपूरक बजट भी पेश किया जाना है।
कुल मिलाकर, 8 दिसंबर की यह कैबिनेट बैठक राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार और विशेष रूप से आदिवासी हितों की रक्षा के लिए लिए जाने वाले बड़े फैसलों का केंद्र बन सकती है।
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