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बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर से गुजर रही है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनके बेटे सजीब वाजेद और 16 अन्य लोगों के खिलाफ एक बार फिर से भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इन सभी पर ढाका के बाहरी इलाके में स्थित पूर्वाचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट में भूखंडों के आवंटन में गड़बड़ियों का आरोप है।

किस मामले में जारी हुआ वारंट

ढाका मेट्रोपॉलिटन वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश की अदालत ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (ACC) की ओर से दाखिल चार्जशीट को ध्यान में रखते हुए यह गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अदालत ने दो अलग-अलग मामलों में सभी आरोपियों को अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं। इन मामलों में मुख्य रूप से आरोप यह है कि सरकारी पदों का दुरुपयोग कर आवासीय प्लॉट्स को गलत तरीके से आवंटित किया गया।

अदालती अधिकारी ने दी जानकारी

मामले से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार, वारंट पूर्वाचल न्यू टाउन में भूखंड आवंटन में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। अभियोजन पक्ष की ओर से कहा गया कि जिन 16 लोगों के खिलाफ यह वारंट जारी हुआ है, उनमें से अधिकांश सरकारी अधिकारी हैं। अदालत ने पुलिस से कहा है कि यदि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाता है, तो इस संबंध में 29 अप्रैल को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।

पहले भी जारी हो चुके हैं वारंट

इससे पहले भी इसी अदालत ने शेख हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल, बहन शेख रेहाना, ब्रिटिश सांसद ट्यूलिप रिजवाना सिद्दीक, और रेहाना के बेटे रादवान मुजीब सिद्दीक सहित 48 अन्य के खिलाफ भी गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। आरोप था कि इन सभी ने राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल करते हुए अवैध तरीके से जमीन आवंटित करवाई।

क्या है आगे की प्रक्रिया

अब अदालत ने ढाका और देश के अन्य हिस्सों के थानों के प्रभारी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि सभी वारंटों का पालन हो और इसकी रिपोर्ट नियत तिथि तक अदालत में सौंपी जाए। इस पूरे मामले ने बांग्लादेश की राजनीति में एक बार फिर गर्मी ला दी है, जहां एक ओर सरकार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

शेख हसीना पर इससे पहले भी कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण बन गया है क्योंकि इसमें उनके परिवार के कई सदस्य और उच्च पदस्थ अधिकारी शामिल हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत और जांच एजेंसियों की अगली कार्रवाई क्या होती है और इसका असर बांग्लादेश की राजनीति पर कितना गहरा होता है।