Up Kiran, Digital Desk: सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच टेलीफोन पर एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई। इस दौरान दोनों नेताओं ने कई वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया, जिसमें रूस-यूक्रेन युद्ध, दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और ताइवान संकट प्रमुख थे।
रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रम्प ने अपनी वार्ता के बाद सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा, "हमने अपने किसानों के लिए एक बेहतरीन और महत्वपूर्ण समझौता किया है, और यह समय के साथ और भी बेहतर होगा। चीन के साथ हमारे रिश्ते बहुत मजबूत हैं।" ट्रम्प के इस बयान से साफ है कि वे दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को और मजबूती देना चाहते हैं।
ताइवान पर बयान
चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, शी जिनपिंग ने ट्रम्प से कहा कि ताइवान की मुख्य भूमि चीन में वापसी, युद्धोत्तर अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस बयान ने ताइवान मुद्दे पर चीन के कड़े रुख को फिर से रेखांकित किया।
साथ ही, इस बातचीत के तुरंत बाद जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची का ताइवान को लेकर दिया गया बयान भी सुर्खियों में रहा। उन्होंने कहा था कि अगर चीन ताइवान के खिलाफ कोई कार्रवाई करता है, तो जापान भी अपनी सेना भेज सकता है। बीजिंग ने इस बयान की कड़ी निंदा की है और चीन-जापान रिश्ते अब पहले से और तनावपूर्ण हो गए हैं।
द्वितीय विश्व युद्ध और सामूहिक संघर्ष
चीनी राष्ट्रपति ने ट्रम्प से कहा कि चीन और अमेरिका दोनों ने मिलकर फासीवाद और सैन्यवाद के खिलाफ द्वितीय विश्व युद्ध में युद्ध लड़ा था। इस इतिहास का हवाला देते हुए शी ने दोनों देशों से संयुक्त रूप से द्वितीय विश्व युद्ध की जीत की रक्षा करने का आह्वान किया।
अमेरिका की ओर से, हालांकि ताइवान के मामले में कोई आधिकारिक पक्ष नहीं लिया गया है, लेकिन उसने ताइवान पर बल प्रयोग का विरोध किया है। अमेरिका का कहना है कि वह ताइवान को किसी भी सशस्त्र हमले से बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
ताइवान के लिए अमेरिकी हथियार बिक्री
हाल ही में ट्रम्प प्रशासन ने ताइवान को 33 करोड़ डॉलर के सैन्य उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी थी। इसमें लड़ाकू विमानों के पुर्जों की आपूर्ति भी शामिल है। बीजिंग ने इस बिक्री का विरोध करते हुए इसे 'एक-चीन सिद्धांत' का उल्लंघन बताया है, जिसके तहत वह ताइवान को अपना हिस्सा मानता है।
व्यापारिक रिश्तों पर चर्चा
वार्ता में दोनों नेताओं ने चीन-अमेरिका के व्यापारिक संबंधों पर भी चर्चा की, लेकिन चीनी बयान में अमेरिका के सोयाबीन खरीदने जैसी व्यापारिक योजनाओं के बारे में कोई ठोस समझौते का उल्लेख नहीं किया गया।
चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि शी और ट्रम्प के बीच वार्ता के बाद दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्ते सामान्यत: स्थिर और सकारात्मक बने हुए हैं। शी ने दोनों पक्षों से और सकारात्मक प्रगति करने का आह्वान किया।
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