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Up Kiran, Digital Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार (स्थानीय समय) को एक चौंकाने वाला बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से तब तक मुलाकात नहीं करेंगे जब तक दोनों पक्ष यूक्रेन विवाद को खत्म करने के लिए एक ठोस समझौता नहीं कर लेते। ट्रम्प ने यह बयान एयरफोर्स वन विमान में पत्रकारों से बात करते हुए दिया।

यह बयान उस समय आया जब हाल ही में अमेरिका ने घोषणा की थी कि ट्रम्प पुतिन से यूक्रेन संकट पर चर्चा करने के लिए बुडापेस्ट में मुलाकात करेंगे। लेकिन, अब तक इन वार्ताओं में कोई महत्वपूर्ण सफलता नहीं मिल पाई है। दोनों देशों के नेता एक और शिखर सम्मेलन आयोजित करने में हिचकिचा रहे हैं।

1. ट्रम्प का बयान: "समझौता नहीं हुआ तो मुलाकात नहीं होगी"

ट्रंप ने स्पष्ट शब्दों में कहा, "हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम एक ठोस समझौता कर रहे हैं। मैं अपना समय बर्बाद नहीं करने वाला। व्लादिमीर पुतिन के साथ मेरे अच्छे संबंध रहे हैं, लेकिन यह स्थिति बहुत निराशाजनक हो गई है।"

2. अगस्त में हुआ था शिखर सम्मेलन

इससे पहले, अगस्त में ट्रंप और पुतिन ने अलास्का में एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया था, जिसे दोनों नेताओं ने सफल करार दिया था। हालांकि, दोनों ने इस मुलाकात के बाद कहा था कि वे जल्द ही एक और शिखर सम्मेलन करेंगे।

3. चीन की मदद लेने का विचार

यूक्रेन विवाद पर ट्रम्प ने अब यह भी कहा कि वह रूस से निपटने के लिए चीन से मदद ले सकते हैं। उन्होंने संकेत दिया कि चीन रूस के तेल आयात में काफी कटौती कर रहा है और भारत भी इस मामले में पूरी तरह से कटौती कर चुका है।

4. भारत और पाकिस्तान पर ट्रम्प का दावा

ट्रंप ने यह भी दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सैन्य संघर्ष को चार दिन में सुलझा लिया था। उन्होंने कहा, "अगर आप भारत-पाकिस्तान के संघर्ष को देखें, तो मैं कह सकता हूं कि मैंने जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, उनमें से अधिकतर मुझे लगा था कि वे रूस-यूक्रेन विवाद से भी ज्यादा जटिल थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।"

5. भारत पर लगाए गए टैरिफ़्स का मुद्दा

रूस से तेल आयात को लेकर ट्रम्प ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ़ लगाया है। भारत ने इस फैसले की आलोचना करते हुए इसे 'अनुचित' करार दिया है और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने का वचन दिया है।

6. ट्रम्प की नीति में चीन और भारत का अहम रोल

चीन और भारत दोनों ही रूस से बड़ी मात्रा में तेल खरीदते हैं। ट्रम्प लगातार इन दोनों देशों से मास्को से तेल आयात में कटौती करने का दबाव बना रहे हैं।

7. ट्रम्प का भविष्य में रूस के साथ समझौता करने का आत्मविश्वास

राष्ट्रपति ट्रम्प का कहना है कि उन्हें यकीन है कि वह रूस-यूक्रेन विवाद को भी सुलझाने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा, "मैंने भारत और पाकिस्तान के बीच जंग को भी सुलझा लिया, तो मुझे लगता है कि मैं रूस और यूक्रेन के मुद्दे को भी हल कर सकता हूं।"

8. पुतिन से मुलाकात की स्थिति पर संदेह

हालांकि, ट्रम्प और पुतिन के बीच की मुलाकात का भविष्य अभी भी असमंजस में है। दोनों देशों के बीच वार्ता में गतिरोध आ चुका है, और एक और शिखर सम्मेलन आयोजित करने को लेकर संदेह बना हुआ है।

9. यूक्रेन संघर्ष में अमेरिका की भूमिका पर सवाल

ट्रंप ने बार-बार यह भी कहा है कि अमेरिका को इस संघर्ष में अपनी भूमिका पर पुनर्विचार करना चाहिए और अपनी नीतियों को नए सिरे से परिभाषित करना चाहिए।

10. क्या ट्रम्प अपनी योजनाओं में सफल होंगे?

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ट्रंप अपने इन दावों को सच कर पाएंगे और रूस-यूक्रेन विवाद पर एक प्रभावी समाधान खोजने में सफल हो पाएंगे।