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Up Kiran, Digital Desk: न्यूयॉर्क में हाल ही में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उपस्थिति कई विवादों और तकनीकी समस्याओं से घिरी रही। इन घटनाओं ने जहां सुरक्षा व्यवस्था पर चिंता जताई, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक नेता की प्रतिष्ठा को प्रभावित करने वाले मुद्दों को भी उजागर किया।

रुक गया एस्केलेटर, उठीं साजिश की आशंकाएं

यूएन मुख्यालय में ट्रंप और उनके प्रतिनिधिमंडल को ले जा रहा एस्केलेटर अचानक बीच में रुक गया। इस अप्रत्याशित रुकावट को ट्रंप ने ‘जानबूझकर की गई साजिश’ करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हादसा कोई साधारण तकनीकी खामी नहीं बल्कि सोची-समझी तोड़फोड़ का हिस्सा था।

हालांकि, संयुक्त राष्ट्र की ओर से इस पर एक अलग पक्ष सामने आया। यूएन प्रवक्ता स्टीफ़न दुजारिक के अनुसार, अमेरिकी दल के एक वीडियोग्राफर द्वारा गलती से इमरजेंसी स्टॉप बटन दबा दिया गया हो सकता है। यूएन स्टाफ ने यह भी जोड़ा कि एस्केलेटर में अक्सर खराबी आती रहती है, जिसका एक कारण संस्था में चल रहे खर्चों में कटौती है।

भाषण के दौरान टेलीप्रॉम्प्टर बंद, मचा भ्रम

ट्रंप के भाषण के दौरान उनका टेलीप्रॉम्प्टर अचानक बंद हो गया, जिससे भाषण की गति प्रभावित हुई। उन्होंने इस गड़बड़ी को एक और जानबूझकर की गई कोशिश बताया। लेकिन संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि टेलीप्रॉम्प्टर की व्यवस्था पूरी तरह से व्हाइट हाउस की ज़िम्मेदारी थी, न कि संयुक्त राष्ट्र की।

इस बीच, भाषण में आई रुकावट को लेकर सोशल मीडिया पर भी काफ़ी चर्चा हुई, जिसमें कई लोगों ने तकनीकी टीम की भूमिका पर सवाल उठाए।

ऑडिटोरियम में ध्वनि बाधित, मेलानिया तक नहीं पहुंची आवाज़

घटना की तीसरी कड़ी तब सामने आई जब ट्रंप ने आरोप लगाया कि ऑडिटोरियम के साउंड सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया, जिसके चलते उनकी पत्नी मेलानिया उन्हें सुन नहीं पाईं। ट्रंप ने इसे उनकी छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर खराब करने की कोशिश बताया।

उनका दावा था कि केवल वे लोग ही उनकी बात समझ पा रहे थे जो अनुवादक की मदद से इयरपीस में भाषण सुन रहे थे। इसने एक बार फिर तकनीकी विश्वसनीयता और आयोजन की पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए।

सुरक्षा जांच की मांग तेज

इन तीनों घटनाओं को ट्रंप ने एक सुव्यवस्थित "तीन-स्तरीय व्यवधान योजना" बताया और आग्रह किया कि एस्केलेटर की फुटेज को संरक्षित रखा जाए। उन्होंने कहा कि अमेरिकी सीक्रेट सर्विस इस पूरे मामले की गहराई से जांच करेगी।

संयुक्त राष्ट्र ने अपनी सफाई में कहा कि ऐसी तकनीकी समस्याएं असामान्य नहीं हैं और हाल के वर्षों में बजट में कमी के चलते उपकरणों की स्थिति में गिरावट आई है। गौरतलब है कि अमेरिका स्वयं यूएन का सबसे बड़ा योगदानकर्ता है, लेकिन समय पर भुगतान न होने के कारण संचालन पर असर पड़ा है।