
Up Kiran, Digital Desk: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो फिर से सत्ता में वापसी के लिए प्रयासरत हैं, ने अपने पुराने अंदाज़ में एक और बड़ा व्यापारिक दांव खेला है। उन्होंने घोषणा की है कि अगर वह चुने जाते हैं, तो ब्राजील से होने वाले आयात पर 50% का भारी-भरकम शुल्क (Tariff) लगाएंगे। उनके इस बयान पर ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिन्होंने इसे 'विदेशी दादागिरी' (Foreign Tutelage) कहकर सिरे से खारिज कर दिया है।
ट्रम्प का तर्क: ट्रम्प अक्सर 'अमेरिका फर्स्ट' की नीति पर चलते रहे हैं, जिसका मतलब है अमेरिकी उद्योगों और श्रमिकों की रक्षा करना। वह शायद ब्राजील से कुछ विशेष उत्पादों के आयात को नियंत्रित करना चाहते हैं, या उन्हें लगता है कि ब्राजील अमेरिका के साथ व्यापार में अनुचित लाभ उठा रहा है। 50% का टैरिफ किसी भी देश के आयात के लिए एक बहुत बड़ा झटका होगा और इसका उद्देश्य ब्राजील को व्यापार नीतियों पर बातचीत करने के लिए मजबूर करना हो सकता है।
ब्राजील की प्रतिक्रिया: ब्राजील के राष्ट्रपति लूला ने ट्रम्प के इस बयान को 'संप्रभुता पर हमला' करार दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ब्राजील किसी भी 'विदेशी दादागिरी' या दबाव के आगे नहीं झुकेगा। लूला की प्रतिक्रिया उनके देश के राष्ट्रीय हितों और आत्मनिर्भरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। ब्राजील खुद भी एक बड़ी अर्थव्यवस्था है और ट्रम्प की धमकियों के आगे झुकने की संभावना कम है।
यह विवाद एक बार फिर ट्रम्प की संरक्षणवादी व्यापार नीतियों को सामने लाता है, जो उनके पिछले कार्यकाल की भी पहचान थी। इस तरह के टैरिफ लगाने से दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध प्रभावित हो सकते हैं और वैश्विक व्यापार परिदृश्य पर भी इसका असर दिख सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि अगर ट्रम्प सत्ता में आते हैं तो यह व्यापारिक खींचतान क्या मोड़ लेती है। यह घटनाक्रम दिखाता है कि भू-राजनीति में आर्थिक हथियार कितने महत्वपूर्ण हो गए हैं।
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